प्रशासन सही या दुकानदार गलत


हिसार: दिन-प्रतिदिन बढ़ते ट्रफिक के जाम से आखिरकार नागोरी गेट के दुकानदारों ने निजात पा ही ली. बाजार में किसी भी तरह का चौपहिया वाहन नहीं आये इसके लिए बाजार के दोनों ओर पाइप गाड़ दिए गए है. ऐसा करने से बाजार में गाडियों का प्रवेश बंद हो गया है वहीँ सारा दिन वाहनों से खचाखच रहने वाला यह बाजार अब खाली-खाली सा लगता है. दुकानदार भी खुश है की उनकी मेहनत रंग लाई लेकिन शायद किसी भी दुकानदार ने यह नहीं सोचा की बाजार वालों की वन-वे करने की मांग पर पाइप लगाना ठीक है या गलत. यहीं कारण है की अब गुफ्तगू हो रही है की इस बाजार में जाम की स्थिति निपटने के लिए की गई कार्यवाही पर प्रशासन सही है या इस जाम को खुद ही बढ़ावा देने के लिए दुकानदार गलत.
क्योंकि नागोरी गेट के जाम व् वन-वे के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसी भी दुकानदार ने कभी चाहा ही नहीं की बाजार से ट्रफिक कम हो. ऐसा नहीं है की दिन-प्रतिदिन बढ़ते जाम के लिए पुलिस प्रशासन दूध का धुला है लेकिन दुकानदार भी बराबर के दोषी है. सही मायने में तो इस बाजार के हाल के लिए पुलिस व् दुकानदार के साथ-साथ वह जनता भी कसूरवार है जो बाजार में खरीददारी करने के लिए आती है. यह सही है की दुकानदार से लेकर आम आदमी तक नागोरी गेट में लगने वाले जाम से परेशान है. यह भी सही है की पुलिस प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. लेकिन फिर भी कोई कुछ नहीं कर रहा. पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है तो दुकानदार अपनी दूकान में कम और सड़क पर ज्यादा बैठा दिखाई देता है.
नागोरी गेट के दुकानदारों का आलम यह है की वो दो फुट से पांच-पांच फुट तक सड़क पर बैठे दिखाई देते है. उस पर दूकान के बोर्ड और सामान सड़क पर रख दिया जाता है वह अलग से. खरीददारी के लिए आने वाली जनता भी कुछ कम नहीं है. अक्सर ऐसा होता है की वाहन चलते कम और दुकानों के बहार खड़े ज्यादा दिखाई देते है. बावजूद इसके दुकानदारों ने मंत्री-संतरी से लेकर अधिकारियों तक को ज्ञापन देकर नागोरी गेट को वन-वे करने की मांग की. लेकिन एक बार जब पुलिस प्रशासन द्वारा नागोरी गेट को वन-वे किया गया था तो दुकानदारों ने काम कम होने की दुहाई दी थी तो आज प्रशासन ने ही वन-वे की मांग के अनुरूप अपनी ड्यूटी का ढीकरा जनता के सिर फोड़ने का काम किया है.
वैसे तो पुलिस प्रशासन समय-समय पर विभाग में पुलिसकर्मी कम होने का रोना रोता रहा है लेकिन ऐसा बहुत कम ही हुआ है की इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ा हो. लेकिन हाल फिलहाल पुलिस प्रशासन ने जो कारनामा किया है उससे जनता को आज नहीं तो कल फिर से प्रशासन को ही कोसना पड़ेगा. हर किसी को सोचना पड़ेगा की कौन गलत कर रहा है और कौन सही. तभी सिर्फ नागोरी गेट ही नहीं बल्कि हर शहर, प्रदेश व् देश से जाम की स्थिति से निपटा जा सकता है.

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1 आपकी गुफ्तगू:

Anonymous said...

Dear Goyal

It's fact that shopkeepers of Nagori Gate r fully responsible for that jam, because of them traffic r disturbed, because some shopkeeper like to sit on road instead of shops.

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