आपदा प्राकृतिक, मुद्दा राजनितिक


आज पूरे देश में बिजली-पानी के लिए हा-हाकार मचा हुआहै। खबरिया चैनलों सहित देश का पूरा मिडिया इस बातको जोर शोर से उठा रहा है की अगर जल्द ही बारिश नही हुईतो आने वाले दिनों में जनता बिजली पानी के लिए त्राहि-त्राहि करेंगी। आम आदमी तो इस बात को भली भांतिसमझ गया है लेकिन यह राजनितिक दल है की उन्हें तोबस मुद्दा चाहिए राजनीति में बने रहने के लिए। यहीकारण है की आज किसी भी प्रदेश में किसी भी दल कीसरकार हो विपक्ष बिजली-पानी के लिए सरकार को कोसरहा है। फिर भले ही किसी अन्य प्रदेश में उसी विपक्ष की सरकार क्यो न हो।
अब हजंका और बसपा को ही देख लो। दोनों दल एक क्या हुए की हरियाणा की राजनीति में बने रहने के लिए कोईमौका नही गवाना चाहते। सोमवार को स्वयं दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओ ने बरसात के लिए इन्द्र देवता को खुशकरना चाहा। इसके लिए नगर के एक वेंकटहाल में हवन-यज का आयोजन भी किया गया। लेकिन इस दौरानपत्रकारों को संबोधित करते हुए जब हजंका सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई और मानसिंह मनहेडा ने बिजली-पानी कीसमस्या पर हरियाणा सरकार को कोसना शुरू किया तो मैं यह समझ नही पाया की जिस प्राकृतिक आपदा के लिएयह हवन-यज हो रहा है क्या यह सब दिखावा है या सरकार को कोस कर वो इस मुद्दे को राजनितिक रंग देना चाहतेहै।
क्या उत्तरप्रदेश में है बिजली-पानी
और वो चुप हो गए
कुलदीप बिश्नोई और मनहेडा जी ने हरियाणा सरकार को बिजली-पानी मुद्दे पर जम कर कोसा। जहा श्री बिश्नोई नेमुख्यमंत्री हुड्डा को हर प्रकार से नाकारा घोषित किया वही श्री मनहेडा ने कहा की हुड्डा सरकार सोई हुई है इसलिएप्रदेश की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। जब मैंने मनहेडा जी से यह पूछा की जिस प्राकृतिक आपदा के लिए आपहरियाणा सरकार को कोस रहे हो क्या उत्तरप्रदेश में जनता को पूरा बिजली-पानी मिल रहा है तो वो चुप्पी साध गए।

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1 आपकी गुफ्तगू:

amit goyal said...

अहम् मुद्दे पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए बधाई मित्र . पता नहीं ये राजनितिक दल कब सुधरेंगे

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