हिसार हरियाणा का एक ऐसा जिला जहा से किसी समय में राजनितिक समीकरण बनते-बिगड़ते थे । क्योकि एक तो यह दिल्ली से समीप था उस पर भजन लाल का राजनितिक गड़ भी था । यही कारण था एक समय तो ऐसा लगने लगा था की जल्द ही हिसार हरियाणा की राजधानी बन जाएगा । समय के काल चक्र ने मोड़ लिया और हिसार मुलभुत सुविधाओ से भी महरूम हो गया । विकास के नाम पर जहा हिसार प्रदेश के अन्य जिलो से पिछड़ने लगा वही पर्यटन के लिए भी यहाँ कुछ नही था । ऐसी स्थिति में हिसार के सांसद जय प्रकाश ने कोई कदम नही उठाया और जनता भी घर से निकल कर कही जाने के लिए तरसने लगी । एकाएक जिंदल परिवार के लाडले व् सांसद नवीन जिंदल ने हिसार की सुध ली और जनता की मांग अनुसार हिसार में 3 पार्को का निर्माण शुरू हुआ । पार्क भी ऐसे की हरियाणा ही नही अपितु आस-पास के प्रदेशो में ऐसे पार्क कही नही है । मानो जनता की मुराद पूरी हो गई । ऐसे ही एक पार्क को मंगलवार को जनता के लिए खोला जाएगा । इस पार्क की मुख्य विशेषता यह है की इसमे 300 फुट ऊँचा एक टावर बनाया गया है जिस पर 1 लिफ्ट व् 2 सीढियों की सहायता से ऊपर जा कर 4 दूरबीन की मदद से सम्पूर्ण हिसार को देखा जा सकता है । भले ही हिसार में बने इन तीनो पार्को के लिए सरकार ने अरबो रुपए की सरकारी भूमि जिंदल परिवार को लीज पर दे दी हो लेकिन इन पार्को के बनने से इतना अवश्य है की जहा जनता की मुराद पूरी हो गई है वही जिंदल परिवार का ताऊ देवी लाल टाऊन पार्क की तर्ज पर स्व ओमप्रकाश जिंदल के नाम पर पार्क बनाने का सपना भी पूरा हो गया ।
तुम्हारी मुराद पूरी उनका सपना पूरा
लेबल: नवीन जिंदल, सभी
तड़का मार के

तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...

चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.

आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.

भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
आओ अब थोडा हँस लें
a
यह गलत बात है

पूरे दिन में हम बहुत कुछ देखते है, सुनते है और समझते भी है. लेकिन मौके पर अक्सर चुप रह जाते है. लेकिन दिल को एक बात कचोटती रहती है की जो कुछ मैंने देखा वो गलत हो रहा था. इसी पर आधारित मेरा यह कॉलम...
* मौका भी - दस्तूर भी लेकिन...
* व्हीकल पर नाबालिग, नाबालिग की...
लडकियां, फैशन और संस्कृति

आज लडकियां ना होने की चाहत या फिर फैशन के चलते अक्सर लडकियां आँखों की किरकिरी नजर आती है. जरुरत है बदलाव की, फैसला आपको करना है की बदलेगा कौन...
* आरक्षण जरुरी की बेटियाँ
* मेरे घर आई नन्ही परी
* आखिर अब कौन बदलेगा
* फैशन में खो गई भारतीय संस्कृति
0 आपकी गुफ्तगू:
Post a Comment