गुमशुदा की तलाश


व्यापारी एकता जिंदाबाद, हरियाणा सरकार मुर्दाबाद, जिला प्रशासन हाय-हाय. हिसार में होने वाली हर छोटी-बड़ी घटना के समय सुनाई देने वाले यह नारे सुनना तो दूर आज इन नारों को लगाने वाले सबके प्रिय व्यापारी नेता जी का ही किसी को कोई अता-पता नहीं है. हिसार में एक के बाद एक होने वाली अपराधिक घटनाओं के पश्चात भी बजरंग दास गर्ग की अनुपस्थिति से अब उनकी तलाश ने जोर पकड़ लिया है. व्यापारी उनकी तलाश में ऐसे जुटे है जैसे किसी गुमशुदा की तलाश की जा रही हो. बावजूद इसके व्यापारियों के हाथ निराशा की लग रही है.
हरियाणा की कांग्रेसी हुड्डा सरकार से पूर्व हरियाणा प्रदेश व्यापर मंडल के अध्यक्ष पूर्व की सरकारों में एक व्यापारी की छोटी सी दुःख-तकलीफ में धरना-प्रदर्शन, नारेबाजी व् हिसार बंद से भी गुरेज नहीं करते थे. आजकल वही व्यापारी नेता नगर के व्यापारियों के लिए ईद का चाँद बने हुए है. ऐसा नहीं है की हिसार से अपराध और अपराधी दोनों ख़त्म हो गए है, या फिर हिसार के व्यापारियों पर दुःख-तकलीफ नहीं आ रही. बस नजर नहीं आ रहे तो वो है सिर्फ नेता. भले ही वो नेता विधायक हो सांसद हो या फिर व्यापारी. फर्क मात्र इतना है की हिसार के विधायक हिसार में रहते नहीं और व्यापारी नेता आजकल सरकारी हो गए है. हिसार में आज ऐसा कोई दिन नहीं जाता होगा जब अपराधी अपनी मंशा पर खरे नहीं उतारते हो. फिर भले ही वो चैन स्नेचिंग हो या मारपीट. जबकि एक व्यापारी की आज हत्या प्रयास से लेकर हत्या तक हो रही है.
बीते दिनों एक ही दिन में छह स्थानों पर फायरिंग, एक लस्सी विक्रेता पर जानलेवा हमला, एक जूस विक्रेता की हत्या, एक अन्य लस्सी विक्रेता की हत्या, शहर के गुजरी महल में एक युवक की लाश का मिलना, बस स्टैंड पर सरेआम चाक़ू मार कर एक युवक की हत्या से नगरवासी सहमे हुए है. जनता को फिर वही पुराने दिन याद आने लगे है जब छोटी-छोटी बातो पर बजरंग दास गर्ग जनता की आवाज बुलंद करने बाजार में आ जाते थे. आज उनकी गैरमौजूदगी से गुफ्तगू शुरू हो चुकी है की अब तो इस व्यापारी नेता की तलाश ही शुरू करनी पड़ेगी.
आलम यह है की आज बजरंग दास गर्ग व्यापारी हित में नहीं अपितु सरकारी हित में जनता के समक्ष खड़े दिखाई देते है. आज उनको सरकार के सभी फैसले सही दिखाई देते है तो हरियाणा प्रदेश में बढ़ने वाला अपराधिक ग्राफ विपक्ष का किया धरा लगता है. आज अगर वो दिखाई देते है तो सिर्फ मुख्यमंत्री के साथ और बोलते है तो सिर्फ सरकार के पक्ष में. ऐसे में व्यापारी और जनता की सुनने वाला आज कोई नजर ही नहीं आता. रही बात घटना के पश्चात की तो जनता और व्यापारी आज अपना गुस्सा जनता पर ही निकालने को मजबूर है. बीते दिनों विक्की लस्सी वाले की हत्या के पश्चात हिसार में हुई तोड़फोड़ और लूटपाट इसी की परिणिति है.

Related Articles :


Stumble
Delicious
Technorati
Twitter
Facebook

1 आपकी गुफ्तगू:

Post a Comment

अंग्रेजी से हिन्दी में लिखिए

तड़का मार के

* महिलायें गायब
तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.

* शायद जनता बेवकूफ है
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...

* जिंदगी के कुछ अच्छे पल
चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.

* अन्ना की क्लास में झूठों का जमावाडा
आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.

* अगड़म-तिगड़म... देख तमाशा...
भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
a
 

gooftgu : latest news headlines, hindi news, india news, news in hindi Copyright © 2010 LKart Theme is Designed by Lasantha