यह कैसा व्यापारी सम्मलेन



ना व्यापारी और ना ही व्यापारियों का संबोधन. और हो गया व्यापारी सम्मलेन. ना किसी व्यापारी को बुलाया गया और ना ही किसी को बोलने का मौका दिया गया. तो क्या यह सिर्फ प्रचार पाने के लिए व्यापारी सम्मलेन था. समाचार पत्रों में कई दिनों से समाचार छप रहे थे की व्यापारियों की समस्याओं को समझने और सुनने व् व्यापारी सम्मलेन को संबोधित करने के लिए राज्यसभा सांसद अमर सिंह और लोकसभा सांसद जयाप्रदा हिसार आ रहे है. हिसार में हत्या, लूटपाट, अपहरण और फिरौती से भय का माहौल व्यापत है. जनता और व्यापारियों को लगा था की शायद इस सम्मलेन के जरिये उनकी आवाज ऊपर तक जाएगी. लेकिन आयोजको ने किसी व्यापारी को बुलाना तो दूर जो कुछ एक व्यापारी सम्मलेन स्थल पर पहुंचे भी थे उनको भी बोलने का मौका नहीं दिया गया. किसी समस्या को उठाने और सुनने की बात तो दूर की लगती है.
रही सही कसर उस समय पूरी हो गई जब सिने तारिका और लोकसभा सांसद जयाप्रदा कुछ देरी से ही सही लेकिन सम्मलेन में पहुंची तो सही लेकिन अमर सिंह नदारद नजर आये. इस पर जयाप्रदा ने कहा की तबियत खराब होने के कारण अमर सिंह नहीं आ सके लेकिन उनका सन्देश वो अपने साथ लाई है. कुछ समय के पश्चात जब अमर सिंह की कमी खलने लगी तो अमर सिंह ने फोन पर ही जनता को संबोधित किया. अमर सिंह ने कहा की वो हिसार आना चाहते थे लेकिन डा. ने कहा की उन्हें
अस्पताल में रहना होगा. लेकिन मजेदार बात यह रही की जब तक वो संबोधित कर रहे थे तब तक पीछे से सायरन की आवाज आ रही थी. मानो या तो सायरन उनके कमरे में रखा गया था या फिर वो किसी गाडी में चल रहे थे. जनता और व्यापारी जिस नई दीवाली के बारे में सोच रहे थे उनका यह पटाखा भी फूस ही निकला.
राजपूत विकास मंच की और से आयोजित की गई व्यापार गोष्ठी के मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए जयाप्रदा ने कहा की आज हम ( अमर सिंह और जयाप्रदा ) आजाद है और जनहित के लिए खुल कर काम कर सकते है. सांसद ने कहा की सपा प्रमुख ने उन्हें बेआबरू कर पार्टी से निकाला.उन्होंने कहा की ऐसा नहीं है राजनितिक पार्टिया फ़िल्मी हस्तियों का सिर्फ उपयोग करती है. स्वयं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा की वो जनता की सुख-दुःख की साथी रही है इसलिए 3 बार सांसद बनी है. अमर सिंह के लोकमंच का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा की अभी तक यह एक गैर राजनितिक मंच है लेकिन जनता का सहयोग ऐसे ही मिलता रहा था तो जल्दी ही यह राजनितिक दल भी बन सकता है. साथ ही उन्होंने कहा की बिहार में सरकार बनाने में लोकमंच की अहम् भूमिका रहेगी.
आज की मेरी यह गुफ्तगू नई दीवाली पर तो नहीं है लेकिन उसका हिस्सा मात्र है.ऐसा इसलिए की यह सम्मलेन किसी भी तरीके सेव्यापारी सम्मलेन नहीं लगा. शुरू से अंत तक जहा इस मंच से राजनीति की बाते होती रही वही जयाप्रदा भी कुछ खास व्यापारियों के लिए नहीं बोल पाई. उन्होंने या तो अमर सिंह का राग अलापा या जो सम्मलेन के संयोजक वेदपाल तंवर उन्हें जो बता रहे थे. इससे पूर्व वो हरियाणा पेट्रोल पम्प एसोसियेशन के अध्यक्ष दिनेश गोयल के आवास पर भी गई लेकिन सैकड़ो की संख्या में व्यापारी वहा पर होने के बावजूद वो वहा 5 मिनट से ज्यादा नहीं ठहरी. इसके पीछे मुख्य भूमिका वेदपाल तंवर की रही. ऐसे में जो व्यापारी इस सम्मलेन से नई दीवाली की आस लगाये बैठे थे वो अपना मन मसोस कर रह गए.

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