नेता तो व्यापरी- हो गए सरकारी


हरियाणा में कोई भी सरकार आने से पहले सरकारी आकाओ को यह अंदेशा होता था की प्रदेश में एक व्यापारी नेता है जो व्यापारियों के लिए हाथो हाथ सड़क पर उतर जाता है. व्यापारियों के साथ कोई अनहोनी हुई नहीं की वो जिला प्रशासन मुर्दाबाद, हरियाणा सरकार हाय-हाय के नारे लगाते अक्सर दिखा करते. जब बात व्यापारी के जान-माल तक पहुँच जाती तो वो नगर बंद करवाने से भी नहीं चुकते थे. और अगर गलती से सरकार से कोई गलती हो जाती तो मान लो प्रदेश बंद. उनके लिए तो यहाँ तक कहा जाने लगा था की स्वयं के पास कोई व्यापार नहीं है इसलिए बजरंग दास गर्ग हर रोज सरकार के खिलाफ किसी ना किसी बात को लेकर आन्दोलन छेड़े रखते है. अब तो आप समझ ही गए होंगे की यहाँ बात हो रही है हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष व् कान्फेड के चेयरमैन बजरंग दास गर्ग की. जीं हां वही बजरंग दास गर्ग जो कभी व्यापारियों के हितो के लिए जीं-जान लगा देने की बात करते थे. भले ही सरकार व्यापारियों के हितो के लिए कुछ करे या उनके खिलाफ लेकिन उनकी आवाज हमेशा सरकार के विपरीत ही रहती थी. लेकिन आजकल आवाज तो आवाज स्वयं बजरंग दास गर्ग व्यापारी नेता होते हुए सरकारी लगने लगे है. आज उन्हें सरकार के हर फैसले व्यापारी हित में दिखने लगे है तो दिन-प्रतिदिन प्रदेश में बिगड़ रही कानून व्यवस्था के लिए विपक्ष दोषी नजर आने लगा है.
भले ही प्रदेश सरकार कर में बढ़ोतरी करे या उनके गृह क्षेत्र हिसार सहित आसपास के क्षेत्रो में अपराधियों ने आतंक फैला रखा हो आज उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. प्रदेश सरकार द्वारा वैट चार प्रतिशत से बढ़ा कर पांच प्रतिशत और उस पर भी अधिशुल्क लगाना आज व्यापारी नेता को जनहित में दिखाई देता है तो हिसार जिले के हांसी में बढ़ रहे अपराध पर उनकी चुप्पी सरकारी नजर आती है.

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1 आपकी गुफ्तगू:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

व्यापारी को तो सिर्फ व्यापार से मतलब है!

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तड़का मार के

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