चलो जी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल नित हरियाणा जनहित कांग्रेस के सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई कोआखिरकार कुछ तो राहत मिली । यहाँ मैंने राहत शब्द कई मायनो से लिखा है । एक तो इसलिए की कुलदीपबिश्नोई की सोच अनुसार उम्रदराज नेता जो भजनलाल के समीप रहते थे वह एक-एक कर हंजका से दूर होते चलेगए और दूसरी राहत इसलिए की हिसार के 8 पार्षदों के समर्थन से पार्टी सहित कुलदीप में नया रक्त संचार शुरू होगया है । यहाँ मुझे वह कहावत याद आती है की भागते चोर की लंगोटी ही सही । यही कारण है की जहा बड़े नेताओके पार्टी छोड़ने से हंजका की साख पर बुरा असर पड़ रहा था वही अब युवा ही सही लेकिन 8 पार्षदों के हंजका मेंशामिल होने से इतना तो अवश्य है की हिसार में कुलदीप बिश्नोई अपने प्रत्याशी की जीत निश्चित मानने लगे है ।इन पार्षदों के शामिल होने से जोश से सराबोर कुलदीप ने कहा की कई और पार्षद जल्द ही पार्टी में शामिल होंगेवही पार्षदों का कहना था की अब उन्हें भी भजनलाल का कर्ज चुकाने का मौका मिल जाएगा । हजंका में शामिलहोने वाले पार्षदों में दयानंद शर्मा, विनोद कुमार, पंकज दीवान, मनोहर लाल नागरू, शादी लाल यादव, इन्द्रोशगुज्जर, उषा अठवाल व् दिनेश शर्मा मुख्य है ।
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तड़का मार के
* महिलायें गायब
तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.
* शायद जनता बेवकूफ है
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...
* जिंदगी के कुछ अच्छे पल
चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.
* अन्ना की क्लास में झूठों का जमावाडा
आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.
* अगड़म-तिगड़म... देख तमाशा...
भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.
* शायद जनता बेवकूफ है
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...
* जिंदगी के कुछ अच्छे पल
चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.
* अन्ना की क्लास में झूठों का जमावाडा
आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.
* अगड़म-तिगड़म... देख तमाशा...
भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
आओ अब थोडा हँस लें
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