युवराज को शर्म आ रही है


अगर आपको भारतीय होने पर शर्म नहीं आ रही तो आप भी अपनी आँखे बंद कर लो क्योंकि युवराज को शर्म आ रही है. शर्म इसलिए नहीं की घोटालेंबाज नेता व् अधिकारी कांग्रेस के राज में देश की जनता का अरबों-खरबों रुपया हजम कर गए और डकार भी नहीं ली बल्कि मात्र इसलिए की एक गैर कांग्रेसी सरकार में किसानो पर लाठी चार्ज किया गया. यह दुःख का विषय है की इस घटना में दो किसानो की मौत हो गई लेकिन यहाँ गुफ्तगू का विषय इतना सा है की भले ही दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हरियाणा या फिर महाराष्ट्र में आरक्षण, भूमि अधिग्रहण, सीलिंग व् कानून व्यवस्था के नाम पर कुछ भी होता रहे युवराज को कुछ भी फर्क नहीं पड़ता. अगर उनका यह ब्यान राजनीति से प्रेरित है तो यह पूरे देश के लिए शर्म की बात है.
 मैंने अपनी पिछली गुफ्तगू मुद्दा तो बस एक बहाना है में भी लिखा था की मुद्दे की बात करने वाले राजनेता सिर्फ मुद्दे को भुनाने के लिए ईद के चाँद की तरह ही नजर आते है. जबकि आज तक किसी ने भी किसी भी मुद्दे के लिए कोई ठोस प्रयास किया ही नहीं है. इसीलिए आज देश की समस्याएं जस की तस खड़ी है.क्योंकि कोई नेता चाहता ही नहीं की समस्यायों का समाधान हो. क्योंकि अगर समस्याएं ही ख़त्म हो गई तो वो राजनीति कैसे करेंगे. अब कहते है की नेता कपडे कम बदलते है और ब्यान ज्यादा. इसीलिए हर जगह इनके ब्यान अलग-अलग होते है, भले ही मामला एक जैसा ही क्यों ना हो. इनको तो सिर्फ राजनीति करनी है.
अब देखो ना उत्तरप्रदेश में भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानो पर लाठियां बरसाई गई. मामले ने इतना तूल पकड़ा की राहुल गाँधी सुबह-सुबह ही एक कार्यकर्ता की बाइक लेकर पहुँच गए उत्तरप्रदेश के उस गाँव में, जिस गाँव के किसान की पुलिस लाठीचार्ज में मौत हुई थी. अब राहुल बाबा मौके पर स्वयं गए है तो ब्यान देना भी जरुरी था. आपाधापी में कह बैठे की जिस तरीके से लाठीचार्ज में किसानो की मौत हुई है उसे देख उन्हें भारतीय होने पर शर्म महसूस हो रही है. क्या वाकई उन्हें भारतीय होने पर शर्म महसूस हो रही है.
अगर ऐसा है तो मैं यहाँ बात हरियाणा की ही करूँ तो पिछले काफी सालो से भूमि अधिग्रहण को लेकर किसान आन्दोलन कर रहे है. तो आज तक राहुल गांधी को संसद में भूमि अधिग्रहण बिल लाने की जरुरत महसूस क्यों नहीं हुई. जब दिल्ली में मेट्रो के लिए आम जनता की जमीन ली जा रही थी और जनता सड़को पर थी उस समय उन्हें इस बिल की याद क्यों नहीं आई. क्यों उस समय उन्हें शर्म महसूस नहीं हुई जब दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने वाले एक छोटे से व्यापारी की दूकान महज इसलिए बंद करवा दी गई क्योंकि वह सीलिंग के तहत आ रही थी. शायद वो इसलिए चुप रहे क्योंकि दिल्ली और हरियाणा में कांग्रेस की सरकारे थी.
हरियाणा के मिर्चपुर में एक बिरादरी के लोगो ने दूसरी बिरादरी के एक परिवार के मुखिया को जहाँ मार दिया वहीँ उसके घर को आग लगा दी, जिसमे जल कर उसकी एक अपाहिज बेटी मर गई. इस घटना के पश्चात भी आन्दोलन ने इतना उग्र रूप धारण कर लिया था की यहाँ भी राहुल गाँधी को गुपचुप तरीके से आना पड़ा. लेकिन यहाँ आकर उन्हें शासन और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भारतीय होने पर शर्म महसूस नहीं हुई. उनके इस ब्यान में किसानो के प्रति कितना दर्द छुपा है यह तो आने वाला वक्त ही बतायेंगा लेकिन इतना जरुर है की फिलहाल राहुल गाँधी को उत्तरप्रदेश में मायावती सरकार होने व् अगले वर्ष विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अवश्य भारतीय होने पर शर्म महसूस हो रही है.

Related Articles :


Stumble
Delicious
Technorati
Twitter
Facebook

1 आपकी गुफ्तगू:

Post a Comment

अंग्रेजी से हिन्दी में लिखिए

तड़का मार के

* महिलायें गायब
तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.

* शायद जनता बेवकूफ है
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...

* जिंदगी के कुछ अच्छे पल
चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.

* अन्ना की क्लास में झूठों का जमावाडा
आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.

* अगड़म-तिगड़म... देख तमाशा...
भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
a
 

gooftgu : latest news headlines, hindi news, india news, news in hindi Copyright © 2010 LKart Theme is Designed by Lasantha