सभी जानते है की भारत आस्ट्रेलिया को हरा कर सेमीफाइनल में पहुँच चुका है. बात भी पुरानी हो चुकी है तो इस पर मेरा गुफ्तगू करना शायद किसी को सही न लगे लेकिन जिस दिन भारत आस्ट्रेलिया को हरा कर सेमीफाइनल में पहुंचा उस दिन मेरी एक पुरानी पोस्ट जो मैंने वर्ल्ड कप पर ही लिखी थी याद आने लगी. साथ ही साथ एक कहावत भी याद आने लगी की धुँआ तो वही से उठता है जहाँ आग लगी हो. कहने का अर्थ यह है की कोई लाख मना कर ले की फला मैच फिक्स नहीं था लेकिन शायद इस वर्ल्ड कप के लिए यह कहना मुनासीब नहीं होगा. आज जहा से सुनो वहा से एक आवाज आ रही है की इस मैच पर इतने करोड़ का सट्टा लगा था या इस मैच पर इतने का सट्टा लग रहा है. अगर यहाँ बात करूँ भारत-पकिस्तान के सेमीफाइनल की तो आज इस बात से कोई अनजान नहीं है की पूरा देश ही नहीं पूरा विश्व इस मैच पर सट्टे की चर्चा कर रहा है.
अब आपको भी पता है की अगर किसी बात की चर्चा होगी तो गुफ्तगू भी अवश्य होगी. और उस गुफ्तगू में कुछ पहलु भी निकल कर आयेंगे. अब जितनी पुरानी यह बात है की सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला पाकिस्तान से होगा उतनी ही पुरानी मेरी यह गुफ्तगू है. बस समयाभाव के कारण आज आपसे कर रहा हूँ. हुआ यूँ की लगभग एक महीने पहले कुछ दोस्तों ने मोहाली में होने वाले सेमीफाइनल को देखने का मन बनाया. लगभग चार दोस्तों का कार्यक्रम भी बन गया. उनका मन था की एक कार में मोहाली चलते है इसलिए पांच दोस्त हो जाए तो अच्छा रहेगा. बस सभी मेरे पास आ धमके और पूछने लगे की मोहाली मैच देखने जा रहे है चलना है क्या. मैंने कहा यार मैच देखने के लिए मोहाली जाने की क्या आवश्यकता है घर पर बैठ कर ही देख लेंगे. अभी तो यह भी नहीं पता की सेमीफाइनल में कौन-कौन खेलेगा.
तो एक ने तपाक से कहाँ की क्या बात करता है. क्या तुझे पता नहीं है की मोहाली में होने वाले सेमीफाइनल में भारत-पाकिस्तान भिड़ेंगे. कैसा पत्रकार है तू. यह बात तो सभी जानते है तुझे कैसे नहीं पता. मैंने सहज ही कह दिया यार आस्ट्रेलिया से जीत पाना भारत के लिए इतना आसान नहीं है. उसने फिर कहा की आज की बात दिल में उतार लें की मोहाली में भारत-पाकिस्तान ही खेलेंगे. और रही बात दूसरे सैमीफाइनल की तो वहां से श्रीलंका जीत कर आने वाली है. और फाइनल की तो सुन, फाइनल में श्रीलंका और भारत की टीम पहुंचेगी. यह सब सुन मै हक्का-बक्का रह गया, लेकिन हैरान भी था की तमाम कोशिशो के बावजूद यह सट्टा बाजार थमने का नाम क्यों नहीं ले रहा है. तो क्या इसका मतलब मै सही था जब मैंने यह पोस्ट लिखी थी की आओ पैसा-पैसा खेंले. नीली हैडिंग पर क्लिक कर मेरी यह पोस्ट अवश्य पढ़े.
तो कप हमारा होगाअक्सर किसी न किसी को कहते सुना है की अगर ऊपर वाला चाहे तो क्या नहीं हो सकता. लेकिन वर्ल्ड कप का फाइनल जीतने के लिए भारत को किसी के सहारे की जरुरत नहीं है. अगर सट्टा बाजार की मानें तो यह ट्राफी भारत की ही है. अगर भगवान् ने साथ दिया तो. अब आप कहेंगे अभी तो मै कह रहा था की वर्ल्ड कप जितने के लिए भगवान् की जरुरत नहीं है. तो मै अपनी जगह सही भी हूँ. सट्टा बाजार के अनुसार अगर भारत फाइनल में पहुँच गया तो उसे जीत के लिए भगवान् की जरुरत नहीं है अपितु टास जीतने के लिए सिर्फ भगवान् से दुआ ही करनी पड़ेगी. कहा जा रहा है की मोहाली की पिच 300 रन तक ही झेल पाएंगी. इसके बाद इस पिच पर रन नहीं बनेंगे. अगर भारत टास जीत कर पहले बैटिंग करता है तो उसका स्कोर 300 या इससे अधिक हो सकता है. इस लक्ष्य तक पहुँच पाना श्रीलंका के लिए बहुत मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा.








































1 आपकी गुफ्तगू:
बेहतर आकलन।
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