दीवाली से पहले - होली के बाद



आखिरकार भारत अपने चिर-परिचित प्रतिद्वंदी को सेमीफाइनल में हरा कर वर्ल्डकप के अंतिम पड़ाव तक पहुँच ही गया. भले ही सेमीफाइनल में भारत ने जीत रात को दर्ज की हो लेकिन सुबह से ही क्रिकेट प्रेमियों का जूनून देख कर ऐसा लग रहा था की आज भारत का दिन है. मेरे शहर हिसार में hi नहीं अपितु पूरे देश के लोग आज क्रिकेट के रंग में रंगे नजर आ रहे थे. युवाओं से लेकर बुजुर्गो तक और बच्चो से लेकर लड़कियों तक में एक ही जज्बा नजर आ रहा था की आज भारत किसी भी तरह पाकिस्तान पर जीत दर्ज कर फाइनल में पहुँच जाएँ. वैसे भारत की यह जित गुफ्तगू के लिए कोई नै बात नहीं थी लेकिन फिर भी यह जित देख सुकून मिला की सत्ता बाजार ने देश की जनता को निराश नहीं किया. वर्ल्ड कप मेरी यह दोनों गुफ्तगू अवश्य पढ़े. पढने के लिए लिंक पर क्लिक करें.
अब देखो आज सुबह से ही यह कयास लगाये जा रहे थे की आज 2 बजे के बाद भारत बंद होगा. ऐसा कुछ तो नहीं हुआ लेकिन कुछ घंटे की मजदूरी कर दो वक्त की रोटी कमाने वाले आज खाली ही नजर आये, वहीँ व्यापारी भी दो बजे के बाद मक्खी ही मार रहे थे. जबकि सरकारी कर्मचारी दो बजने का इसलिए इन्तजार कर रहे थे की कब वो घर के लिए निकले. ऐसे में आज अगर कोई कमाई कर रहा था तो वो था पान वाला, होटल वाले या फिर सोफ्ट ड्रिंक बेचने वाले. यहाँ तक की शराब की भी आज बहुतायत में बिक्री हुई. यह सच्चाई बताना तो गुफ्तगू करने का एक बहाना है जबकि असली ख़ुशी तो इस बात की है की भारत की पाकिस्तान पर यह जीत अवश्य ही धमाकेदार रही. इसमें कोई दोराय नहीं की जनता को इस मैच का जितनी बेसब्री से इतंजार था अब उससे भी ज्यादा चाह इस बात की है की वर्ल्ड कप भारत के हाथ में हो.
मैच शुरू होने के बाद से ही कहीं रंग-गुलाल उड़ायें जा रहे थे तो कहीं पटाके चलाये जा रहे थे. ऐसा लग रहा था मानो देश के होली-दिवाली जैसे मुख्य त्यौहार एक ही दिन मनाये जा रहे है.जबकि रात होते होते जैसे-जैसे भारत की जीत सुनिश्चित नजर आने लगी ढोल वाले भी बाजारों में निकल पड़े थे. जैसे ही पकिस्तान का आखिरी विकेट गिरा लोग ढोल पर जम कर थिरके. जगह-जगह लोगो ने बड़े-बड़े टीवी लगा रखे थे तो कहीं-कहीं एलसीडी भी चल रहे थे. जबकि वहां का नजारा कुछ अलग ही था जहाँ कुछ लोगो ने मिल कर बड़ी स्क्रीन का इंतजाम किया हुआ था. इन सब में कुछ क्रिकेट के ऐसे शौकीन भी थे जिन्होंने अलग से होटल बुक कर फैमिली के साथ यह मैच देखने का इंतजाम किया हुआ था. कुछ भी हो इस जीत ने यह सुनिश्चित कर दिया की मै गुफ्तगू व्यर्थ में नहीं करता.

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