अक्सर सुना जाता है की फलां आदमी मेरे लिए भगवान् है। इसके पीछे किसी को भगवान् बताने वालो के विभिन्न तर्क भी होते है। समय के साथ-साथ भगवान् रूपी इंसान बदलते रहते है। कभी राजनीति में कोई किसी को अपना भगवान् मानता है तो कोई व्यापार में। तो कभी-कभी कोई आम आदमी भी किसी के लिए भगवान् बन कर आता है। लेकिन भारत की संस्कृति में डाक्टर अपने मरीजो के लिए सबसे अधिक भगवान् बन कर आता है। किसी समय से ही भारत में डाक्टर को भगवान् का दर्जा दिया गया है। लेकिन बीते कुछ समय से डाक्टर अपने पेशे और मोटी कमाई के लिए
इस भगवान् रूपी ओहदे हो कलंकित करते आए है। वैसे तो समय-समय पर कहीं न कहीं से समाचार आते रहते है की फलां डाक्टर इस मामले में पकड़ा गया, या फलां डाक्टर ने महिला मरीज के साथ ग़लत व्यवहार किया। लेकिन इन दिनों हिसार भी इस से अछुता नही रह गया है।
अभी कुछ समय पहले जहा हिसार के एक प्रसिद्ध डाक्टर पर एक महिला मरीज ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था वही अब उक्त डाक्टर की लापरवाही से एक मरीज को काल का ग्रास बनना पड़ा। उल्लेखनीय है की कुछ समय पूर्व हिसार की रहने वाली एक महिला मरीज हिसार के विख्यात डाक्टर बालकृष्ण गुप्ता के अस्पताल में चेकअप करवाने आई थी। महिला का आरोप था की जब डाक्टर ने चेकअप शुरू किया तो उस दौरान उसने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। उस समय महिला के रिश्तेदारो ने अस्पताल में जम कर तोड़फोड़ की थी। लेकिन डाक्टर के रसूक के चलते किसी तरह आननफानन में मामला रफादफा कर दिया गया। लेकिन अब एक बार फ़िर यही भगवान् रूपी डाक्टर दागदार हुआ है। मामला दो दिन पुराना है। बुधवार की रात को हिसार के सैनियान मोहल्ले के रहने वाले एक युवक को अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती करवाया गया।
बताया जाता है की इसी दौरान अस्पताल के एक कर्मचारी ने मरीज को ग़लत इंजेक्शन लगा दिया। जिस से उसकी हालत बिगाड़ने लगी। जब मरीज के रिश्तेदारो ने अस्पताल के ऊपर रहने वाले उक्त डाक्टर से संपर्क किया तो वह यह कह कर बात टालता रहा की अभी आया, लेकिन डाक्टर साहब थे की आए ही नही। शुक्रवार को आखिरकार मरीज ने दम तोड़ दिया। लोगो का गुस्सा फूटा और उन्होंने जम कर अस्पताल में तोड़फोड़ की। पुलिस ने किसी तरह समझा बुझा कर भीड़ को तितर-बितर किया और परिजन सामान्य अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करवाने को राजी हुए। मजेदार बात यह रही की इस दौरान डाक्टर बालकृष्ण गुप्ता और उनकी डाक्टर पत्नी का कोई अतापता नही था।
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इस भगवान् रूपी ओहदे हो कलंकित करते आए है। वैसे तो समय-समय पर कहीं न कहीं से समाचार आते रहते है की फलां डाक्टर इस मामले में पकड़ा गया, या फलां डाक्टर ने महिला मरीज के साथ ग़लत व्यवहार किया। लेकिन इन दिनों हिसार भी इस से अछुता नही रह गया है।
अभी कुछ समय पहले जहा हिसार के एक प्रसिद्ध डाक्टर पर एक महिला मरीज ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था वही अब उक्त डाक्टर की लापरवाही से एक मरीज को काल का ग्रास बनना पड़ा। उल्लेखनीय है की कुछ समय पूर्व हिसार की रहने वाली एक महिला मरीज हिसार के विख्यात डाक्टर बालकृष्ण गुप्ता के अस्पताल में चेकअप करवाने आई थी। महिला का आरोप था की जब डाक्टर ने चेकअप शुरू किया तो उस दौरान उसने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। उस समय महिला के रिश्तेदारो ने अस्पताल में जम कर तोड़फोड़ की थी। लेकिन डाक्टर के रसूक के चलते किसी तरह आननफानन में मामला रफादफा कर दिया गया। लेकिन अब एक बार फ़िर यही भगवान् रूपी डाक्टर दागदार हुआ है। मामला दो दिन पुराना है। बुधवार की रात को हिसार के सैनियान मोहल्ले के रहने वाले एक युवक को अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती करवाया गया।
बताया जाता है की इसी दौरान अस्पताल के एक कर्मचारी ने मरीज को ग़लत इंजेक्शन लगा दिया। जिस से उसकी हालत बिगाड़ने लगी। जब मरीज के रिश्तेदारो ने अस्पताल के ऊपर रहने वाले उक्त डाक्टर से संपर्क किया तो वह यह कह कर बात टालता रहा की अभी आया, लेकिन डाक्टर साहब थे की आए ही नही। शुक्रवार को आखिरकार मरीज ने दम तोड़ दिया। लोगो का गुस्सा फूटा और उन्होंने जम कर अस्पताल में तोड़फोड़ की। पुलिस ने किसी तरह समझा बुझा कर भीड़ को तितर-बितर किया और परिजन सामान्य अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करवाने को राजी हुए। मजेदार बात यह रही की इस दौरान डाक्टर बालकृष्ण गुप्ता और उनकी डाक्टर पत्नी का कोई अतापता नही था।
1 आपकी गुफ्तगू:
Aise tatha kathit doctors kaa to practice ka parwana rad ho jana chahiye...hisaarwale ikatthe hokar is baat ko anjaam de sakte hain...
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