जब भाजपा का उपवास..., उपहास सा लगने लगा


अधिकतर पदाधिकारी रहे दूर, आए वो कुछ देर में चलते बने, कुछ पहुंचे मात्र औपचारिकता निभाने


हिसार। कांग्रेस पर संसद न चलने देने का आरोप लगाते हुए देशभर में भाजपा के आह्वान पर किये गए उपवास का भाजपाइयों ने ही मजाक बना डाला। उपवास कार्यक्रम से पार्टी के अधिकतर पदाधिकारी ही दूर रहे वहीं अधिकतर नेता मौके
पर आकर औपचारिकता निभाकर जाते रहे। यही नहीं, जिले में विभिन्न विभागों, बोर्डों व निगमों के सात चेयरमैनों में से केवल एक चेयरमैन ही उपवास में नजर आए वहीं अन्य बड़े नेता भी कन्नी काटते नजर आए।
भाजपा के राष्ट्रीय आह्वान पर उपवास कार्यक्रम रखा गया था। हिसार में अग्रसेन चौक के उसी पार्क को भाजपा ने उपवास स्थल चुना, जिसमें कांग्रेसियों ने उपवास किया था। भाजपाइयों का उपवास कार्यक्रम भी कांग्रेसियों से कम नहीं रहा। जिस तरह कांग्रेसियों का उपवास कार्यक्रम मजाक बनकर रह गया वहीं भाजपा भी इससे अछूती नहीं रही। भाजपा के अधिकतर पदाधिकारी ही इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे, एक प्रदेशस्तरीय नेता लगभग दो बजे इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उक्त नेता के बारे में प्रसिद्ध है कि वह हर कार्यक्रम में देरी से पहुंचकर केवल बैठने के लिए सीट हथियाने के प्रयास में रहता है। बताया जाता है कि उक्त नेताजी को उपवास कार्यक्रम की जानकारी भी नहीं थी और उन्हें अपने मीडिया प्रभारी के माध्यम से उपवास कार्यक्रम की जानकारी मिली थी। हुआ यूं कि उक्त नेताजी के मीडिया प्रभारी किसी तरह पत्रकारों को मिल गये और जब पत्रकारों ने उससे पूछा की नेताजी उपवास में हैं क्या, तो मीडिया प्रभारी का कहना था कि किस बात का उपवास, आज पार्टी का कोई कार्यक्रम है क्या? इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से पूरी जानकारी लेकर अपने आका को फोन किया और उपवास कार्यक्रम में जाने की सलाह दी, जिस पर उक्त नेताजी लगभग दो बजे इस कार्यक्रम में पहुंचे और अपनी हाजिरी लगवाई। 
पार्टी के इस उपवास कार्यक्रम से कुछेक को छोड़कर अधिकतर पदाधिकारी ही दूर रहे। पार्टी आए दिन नई नियुक्तियों की घोषणा करती है लेकिन नई नियुक्तियों वाले तो दूर, पुराने पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी पार्टी जुटा नहीं पाई और हालत यह हो गई कि निर्धारित पार्क भरना तो दूर, चौथाई हिस्से में बैठकर सत्तारूढ़ भाजपाइयों को कांग्रेस पर हमले करने पड़े।

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2 आपकी गुफ्तगू:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (15-04-2017) को "बदला मिजाज मौसम का" (चर्चा अंक-2941) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

सूर्य गोयल said...

बहुत बहुत धन्यवाद गुरु जी. आज लगभग 6 साल बाद ब्लाग से पुनः जुड़ना हुआ. जुड़ते ही आपका आशिर्वाद. सौभाग्यशाली हूँ मै. आपका आशिर्वाद बना रहे. पुनः साधुवाद

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