साला मै तो साब बन गया


कुछ भी लिखने से पहले मै ब्लागस्पाट का शुक्रिया करना चाहूँगा जिसने मुझे एक मंच दिया कुछ लिखने का, अपनी बात कहने का और उससे भी ज्यादा गुफ्तगू करने का. शायद मेरे जैसे एक पाक्षिक पत्रिका में काम करने वाले रिपोर्टर को अपने सभी समाचार पाठको तक पहुँचाने का इससे अच्छा जरिया कुछ मिल भी नहीं सकता था.
इसके बाद बारी आती है सुधि पाठको की, फोलोअर की और उन पाठको की जो मेल के जरिये गुफ्तगू पढ़ते और करते है. बावजूद इसके जब एक अधिकारी ने मुझे यह कहा की ब्लॉग भी कोई पढने की चीज है तो मैंने गुफ्तगू का डोमेन ले लिया और इसको एक साईट की तरह चलाने लगा. इसलिए मै .को.एनआर का भी शुक्रिया अदा करता हूँ.
अब आपको मै यह बताना चाहता हूँ की बतौर पत्रिका का रिपोर्टर होने के नाते मुझे हिसार प्रेस क्लब में स्थाई सदस्यता नहीं मिल रही थी. लगभग एक साल मुझे क्लब का साधारण सदस्य रहना पड़ा. लेकिन उस समय तक मैंने अपना ब्लॉग बना लिया था और गुफ्तगू करने के लिए मै सक्रिय भी हो गया था. यही कारण था की कुछ साथियों ने मेरा साथ दिया और अध्यक्ष को कहा की जो सूर्य गोयल सप्ताह के सात दिन में से आठ दिन फिल्ड में दिखाई देता हो उसको साधारण सदस्य क्यों रखा गया है. साथी सदस्यों का विरोध देख कर मुझे पिछले वर्ष हिसार प्रेस क्लब का स्थाई सदस्य बना दिया गया और इसके साथ ही मुझे वोट देने का अधिकार मिल गया.
अब बारी आई क्लब की गतिविधियों में भी सक्रिय होने की. इसके लिए बीते वर्ष हुए चुनाव में मैंने क्लब का कोषाध्यक्ष बनने पर विचार किया. कुछ साथी भी मेरे पक्ष में थे लेकिन चुनाव अधिकारी के पास समय पर नहीं पहुँच पाने के कारण मै चुनाव लड़ने से रह गया लेकिन हमारे पैनल का अन्य साथी चुनाव जीत गया. इसके बाद मैंने अपने स्तर पर क्लब के लिए जो करना चाहिए था वो तो किया ही साथ ही उन सभी गतिविधियों में क्लब का साथ दिया जो क्लब द्वारा शुरू की गई. इसके लिए क्लब और साथी पत्रकारों का भी मुझे पूर्ण सहयोग मिला. जैसे-तैसे कर एक साल गुजर गया. अब बारी थी इस चुनाव की. अबकी बार मै मै कुछ साथियो के सहयोग से उपप्रधान पद की दौड़ में था. विचार था की अगर चुनाव होता है तो सूर्य गोयल हमारे पैनल का उपप्रधान पद का दावेदार है.
अफ़सोस की रविवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति बन गई. यह एक ख़ुशी की बात भी थी की लगभग 80 सदस्यों ने एक मत से क्लब के पूर्व प्रधान व् दैनिक भास्कर के ब्यूरो चीफ राकेश क्रांति को पुनः प्रधान, पंजाब केसरी के ब्यूरो चीफ पवन राठी को सचिव, धर्मपाल बिश्नोई व् आज तक के भूपेन्द्र मोर को उपप्रधान, सच कहूँ के सुशिक कुमार व् पंजाब केसरी के महेंद्र सप्र को सह सचिव व् हरी भूमि के शमशेर को पुनः कोषाध्यक्ष चुन लिया गया. सूर्य गोयल और संयम जैन की क्लब के कार्यो में सक्रियता को देखते हुए प्रेस प्रभारी का पद दिया गया. इसके साथ ही यह घोषणा भी की गई की क्लब की कोई भी नई गतिविधि को शुरू करने से लेकर अंतिम चरण तक सूर्य गोयल और संयम जैन की देखरेख में पूरा किया जायेगा.
बात जहां से शुरू हुई थी
यही कारण है की मै ब्लागस्पाट, .को.एनआर सहित मेरे सभी पाठको और फोलोअर का शुक्रिया अदा करता हूँ की अगर उनका इतना स्नेह, साथ और प्यार ना मिलता तो मै आज तक गुफ्तगू नहीं कर पाता. अगर गुफ्तगू ही नहीं कर पाता तो पत्रकारिता की फिल्ड में सक्रिय कैसे होता. और अगर सक्रिय ही नहीं होता तो प्रेस क्लब का स्थाई सदस्य कैसे बनता. स्थाई सदस्य नहीं होता तो आज आपका यह ब्लॉगर साथी क्लब के मुख्य पद पर बैठ कर यह कैसे गता की साला मै तो साब बन गया.

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1 आपकी गुफ्तगू:

JOURNALIST BY HEART NOT BY PROFFESSION said...

DEAR SURYA BADHAI AAP HISAR PRESS CLUB KE PADADHIKARI BANE HAI. LEKIN SHAYAB BAITHANE KE LIYE EK KURSI KI CHAAH ME AAP KA DYAAN IS TARAF NAHI GAYA KI KUCH LOGO NE SIRF JHOOTI SHAAN KE LIYE SAALO KI MEHNAT KO EK DIN ME BARBAAD KER DIYA. AGAR INHI PRADE KE PEECHE SE RAJNITI KARNE WALE LOGO KO PRESIDENT KI KURSI SOUP DO TO SAB KUCH SAHI HAI VARNA SAB ANAITIK HAI.AGAR DIL SE PRATRKAAR HO TO MAI KO CHOD KER HUM ME JEENA SEEKHO AUR AGAR AAP BHI PATRKARITA ME APNA PET BHARNE KI LIYE KOI MANCH DOODH RAHE HO TO UPPER LIKHI SARRI BATE BAKWAAS HAI.APNA PET BHARTE RAHO YE JO PUBLIC HAI VO SAB JANTE HAI BUS BOLTI NAHI.THANKS

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