Thursday, April 17, 2025

तू मेरे में अपना मन तो लगा


इन दिनों जहाँ हिसार सहित पूरा प्रदेश जाट आन्दोलन की आग में झुलस रहा है वही हिसार में आयोजित विराट संत सम्मलेन नगर में भक्ति और ज्ञान की गंगा बहा रहा है. वृन्दावन से पधारे स्वामी विवेकानंद जी महाराज सहित अनेको संत यहाँ प्रवचन कर जनता को परमात्मा में मन लगाने का ज्ञान बाट रहे है. जाट आन्दोलन की गुफ्तगू तो अभी जारी रहेगी लेकिन जैसे ही स्वामी जी के यह प्रवचन गुफ्तगू को मिले तो हमने प्रयास किया की इन्हें आप तक पहुँचाया जाये.
पूज्य महाराज श्री ने भगवत गीता के 12 अध्याय के 8वे श्लोक की व्याख्या करते हुए कहा की हे अर्जुन तू मेरे में अपने मन को लगा, एवं मेरे में ही तू अपनी बुद्धि को लगा. यदि तू ऐसा कर सका तो तू मेरे में ही निवास करेगा. इसका तात्पर्य यह है की तू मुझको ही प्राप्त हो जायेगा. इसमें कुछ भी संशय नहीं है.
महाराज श्री ने कहा की जो व्यक्ति संसार की व्यर्थ चर्चा में अपने मन को ना लगा कर भगवान् की चर्चा (कथा) में अपना मन लगाता है उसका मन पवित्र हो जाता है. बुद्धि भी परमार्थ का चिंतन करने लगती है. फिर दुनिया के प्रति राग-द्वेष समाप्त हो जाता है. परमात्मा उसके हर्दय में वास करते है. वह पवन बन कर अपने जीवन को धन्य बना लेता है. अतः सभी को प्रभु के चरणों में मन-बुद्धि लगा कर अपने परम पुरुषार्थ को सिद्ध करना चाहिए. " मय्येव मन आधत्स्व मयि बुद्धि निवेशय ". इस साधना को जीवन में उतारना चाहिए.
पूज्य महाराज श्री के अतिरिक्त विराट संत सम्मलेन में रोहतक से आये श्री स्वामी अमरानंद जी महाराज, राजघाट से पधारे श्री स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, जूनागढ़ से पधारे श्री स्वामी अद्धैत स्वरूप जी महाराज, वृन्दावन से पधारे अन्य श्री स्वामी प्रज्ञानंद जी महाराज, स्वामी संपूर्णानंद जी महाराज, स्वामी अनंत स्वरूप जी महाराज इत्यादि संतो ने भी भक्ति वेदांत की गंगा प्रवाह कर जनता को कृतार्थ कर रहे है.

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1 आपकी गुफ्तगू:

Akanksha Yadav said...

सभी को प्रभु के चरणों में मन-बुद्धि लगा कर अपने परम पुरुषार्थ को सिद्ध करना चाहिए. " मय्येव मन आधत्स्व मयि बुद्धि निवेशय ". इस साधना को जीवन में उतारना चाहिए...Sahi kaha.

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