हिंसा, हिंसा और सिर्फ हिंसा


एक के बाद एक समुदाय आरक्षण की मांग कर रहे है. देश के लिए यह उचित है या नहीं यह तो जानकार ही बता सकते है लेकिन इतना जरुर है की आरक्षण की मांग से भड़की आग एक बारगी तो इतना विध्वंश कर जाती है की शासन और प्रशासन सहित आम आदमी की रातो की नींद तक उड़ जाती है. जाट आरक्षण और हिसार में भड़की हिंसा के मामले में भी ऐसा ही कुछ हुआ. पूरे जिले में जहाँ हिंसा का तांडव देखने को मिला वही जाट समुदाय के लोगो को यह पता ही नहीं था की वो किस नेता के कहने पर आरक्षण मांग रहे है. हिंसा, आगजनी और लूटपाट पर काबू पाने के लिए प्रशासन को आखिरकार जिले में कर्फ्यू लगाना पड़ा. रैपिड एक्शन फोर्स को बुलाना पड़ा और जिले की कमान सेना के सुपुर्द कर दी गई. तब कहीं मंगलवार को रात तक जाकर हिसार में शांति कायम हो सकी. लेकिन इससे पूर्व असामाजिक तत्वों ने अराजकता फैलाते हुए पैट्रोल पम्प, कॉटन फैक्ट्री, गोपाल घी की फैक्ट्री, अनेको बैंक, ए.टी.एम, बस, ट्रक, मोटर साइकिल, पुलिस थाने, पुलिस चौकी, नाके जलने सहित नहर तक को तोड़ डाला.
हिसार शहर के चारो ओर के रास्ते ग्रामीणों ने रोक रखे थे. नगर में आवाजाही के लिए यातायात पूरी तरह से बंद था. माहौल को शांत करने के लिए शासन और प्रशासन मंगलवार सुबह से प्रयासरत्त था लेकिन उनकी यह मुहीम शाम होते-होते कारगर साबित हो गई. ग्रामीणों की मांग की मरने वाले सुनील श्योरान के परिवार को 20 लाख रूपए मुआवजा, शहीद का दर्जा, सरकारी नौकरी और पुलिस अधीक्षक सुभाष यादव के खिलाफ 302 के तहत मामला दर्ज किया जाये जैसी सभी मांगो को मान लिया गया. उधर सरकारी प्रतिनिधि ने जाट समुदाय के नेताओ को आश्वाशन दिया की जल्द ही उनकी आरक्षण की मांग को सोनिया दरबार तक पहुँचाया जायेगा. जिसके बाद नेताओ ने आन्दोलन जारी रखने की बात कहते हुए ग्रामीणों से शांति बनाने की बात कहीं. मांगे माने जाने के बाद मंगलवार शाम को शहीद सुनील के शव का अंतिम संस्कार किया गया. खास बात यह रही की इस अंतिम यात्रा में किसी भी राजनितिक पार्टी के नेता को शामिल नहीं होने दिया गया. उल्लेखनीय है की गाँव में ही शहीद सुनील का स्मारक भी बनाया जायेगा.
विश्वविद्यालय प्रशासन रहा अलर्ट 
आरक्षण की मांग से शहर में बिगड़े हालात को देखते हुए नगर के दोनों विश्वविद्यालय मंगलवार को अलर्ट दिखाई दिए. कुछ देर के लिए ग्रामीण छात्रो ने आरक्षण की मांग को लेकर विश्वविद्यालय ने नारेबाजी की और प्रदर्शन किया लेकिन जल्द ही इस पर काबू पा लिया गया. विश्वविद्यालय में आने-जाने वाले प्रत्येक नागरिक पर कड़ी नजर रखी जा रही है वही सुरक्षा की दृष्टि से पुख्ता इंतजाम किये गए है.
50 करोड़ का नुक्सान
जाट आरक्षण को लेकर हिसार जिले में हुई आगजनी और लूटपाट से लगभग अरबो रूपए की सरकारी और निजी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया लेकिन अगर उधमियो की माने तो कॉटन फैक्ट्री और घी फैक्ट्री में हुई आगजनी और कर्फ्यू से हिसार जिले के उद्योगों को 50 करोड़ का नुक्सान है. अकेले एचपी कॉटन ने आगजनी और लूटपाट से 40 करोड़ का नुक्सान बताया है. उधर पैट्रोल पम्पो ने भी आगजनी और लूटपाट से 20 से 25 लाख का नुक्सान बताया है.

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