Wednesday, April 09, 2025

आओ बच्चो तुम्हे दिखाए....



नाटक कैसे बनता है. कैसे इसको तैयार किया जाता है. कौन तैयार करता है जैसे कई सवाल जहाँ कभी-कभी बच्चो के जेहन में दौड़ते है वही यही सवाल हमको भी सोने नहीं देते. यही करण है की नाटक के बारे में सीखना तो दूर बच्चे सही से जान भी नहीं पाते. आज के बच्चे सिर्फ और सिर्फ किताबी कीड़े बन कर रह गए है. यही करण है की हिसार के रंगकर्मियों ने बच्चो के दिल से नाटक, पर्दा और रंगमंच के प्रति डर निकालने के उद्देश्य से एक म्यूजियम बना कर जनता को समर्पित किया है. इसमें 6 साल से लेकर 16 साल तक के बच्चे वह सब कुछ जान पाएंगे जो एक नाटक या फिल्म देख कर उनके दिल में जिज्ञासा जागती है.

यह तो सभी जानते है की हिसार का रंगमंच बहुत पुराना है और हिसार ने बहुत से कलाकार इस देश को दिए है. इसके पीछे भी यह रंगमंच ही है जो एक बहुत लम्बे अरसे से कलाकारों की कर्मभूमि रहा है. ओपेरा नाम से बनाये गए इस म्यूजियम के बारे में बताते हुए निर्देशक गुलशन भूटानी ने कहा की विजिट टू ओपेरा में हमारा मकसद उन बच्चो में से झिझक और डर को दूर करना है जो यहाँ आयेंगे. साथ ही उन्होंने कहा की अगर किसी बच्चे को अपनी पढ़ाई के किसी विषय में कोई परेशानी है तो यहाँ उसकी परेशानी को प्ले के माध्यम से दूर किया जायेगा. ऐसा करने से ही बच्चे की प्रतिभा को तराशा जा सकता है.

एन.एस.डी. की छात्रा रही सुनीता तिवारी नागपाल ने बताया की एन.एस.डी के मंजे हुए कलाकार समय-समय पर अपने अनुभव और जानकारिय बच्चो के साथ सांझा करेंगे. ओपेरा थियेटर की जानकारी देते हुए डा. कश्यप ने बताया की इस तरह के विश्व में तीन थियेटर है. जिसमे से ओपेरा का नंबर तीसरा है जबकि एक डेनमार्क और दूसरा हालैंड में है. डा. कश्यप ने बताया की थियेटर को चार भागो में बांटा गया है जिससे बच्चो को सिखने में आसानी होगी. उन्होंने कहा की एक थियेटर लन्दन में बना था लेकिन वह आर्थिक संकट के चलते बंद हो गया. उन्होंने माना की भारत के रंगमंच की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है लेकिन वो किसी तरह इसको चला रहे है.

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