भोज जरुरी की श्रधांजलि


भले ही जिला प्रशासन अपने स्तर पर किसी दिवंगत नेता को श्रधांजलि नहीं देता हो लेकिन कभी ऐसा भी नहीं हुआ की किसी दिवंगत नेता की जयंती हो और जिला प्रशासन भोज दे रहा हो. लेकिन बीती 31 मार्च को हिसार जिला प्रशासन ने कुछ ऐसा ही किया की जहा कांग्रेसी नेता प्रदेश के दो-दो पूर्व मंत्रियो को श्रधांजलि दे रहे थे वही हिसार का जिला प्रशासन नगर के पत्रकारों को भोज देने में व्यस्त था. कहने को तो यह भोज जिला लोक संपर्क विभाग द्वारा आयोजित था लेकिन जिले के सभी अधिकारी इस भोज में आमंत्रित थे. उल्लेखनीय है की 31 मार्च 2005 को प्रदेश के दो मंत्री ओम प्रकाश जिंदल और सुरेन्द्र सिंह की विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी.
उधर 30 मार्च को जिला लोकसंपर्क विभाग की और से स्थानीय पत्रकारों को निमंत्रण पत्र मिला की 31 मार्च को विभाग की और से सभी पत्रकारों को भोज के लिए आमंत्रित किया गया है. ऐसा नहीं है की विभाग ने यह भोज क्यों दिया, क्योंकि लोक संपर्क विभाग द्वारा पत्रकारों को भोज देने की परम्परा चलती आ रही है लेकिन यहाँ गौर करने वाली बात यह है की जिले में सरकार की नुमाइंदगी करने वाला यह विभाग क्या यह भूल गया की इस दिन प्रदेश सरकार ने अपने दो चहेते मंत्रियो को खोया था. क्या यह विभाग का दायित्व नहीं बनता था की अगर उसे भोज देना ही था तो इस दिन के लिए तारीख को बादल दिया जाये.

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1 आपकी गुफ्तगू:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

शोचनीय तो है ही साथ ही अशोभनीय भी है!

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