हिसार के पुलिस अधिकारी भी आजकल सरकारी हो गए है. लगता है आप असमंजस में पड़ गए. शायद यह भी सोच रहे हो की गोयल तो पगला लिया है. भला पुलिस भी कभी निजी हुई है. वो तो होती ही सरकारी है. अजी ऐसी-वैसी कोई बात नहीं है. कहने का फर्क मात्र इतना है की अब से पहले हिसार का पुलिस विभाग जहा सरकारी कंपनी की मोबाईल सेवा (बी एस एन एल ) की बजाये जंहा निजी कंपनी की मोबाईल सेवा उपयोग कर रहा था वही अब उसने भी बी एस एन एल की मोबाईल सेवा उपयोग करने का मन बना लिया है.
हिसार के एक-दो विभागों को छोड़ सभी सरकारी विभाग जहा सरकारी मोबाईल सेवा का उपयोग कर रहे थे वही जन स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग ही निजी कंपनी की मोबाईल सेवा उपयोग में ले रहा था. इसके पीछे बड़ा साधारण सा तर्क था की एक शहर की मुख्य जिम्मेदारी इन दोनों विभागों की है. इसलिए जनता और अपने कर्मियों से सही तालमेल बनाने के उद्देश्य से वो निजी मोबाईल का उपयोग कर रहे है. सर्वविदित है की बी एस एन एल जहा आज नेटवर्क की समस्या से जूझ रहा है वही फोन कॉल नहीं मिलने से भी जनता परेशान है.
लेकिन पुलिस द्वारा अब यह मोबाईल सेवा का उपयोग करने से जहा बी एस एन एल को राहत मिलेगी वही जनता को नेटवर्क नहीं मिलने के कारण परेशानी उठानी पड़ सकती है. यह तो समय के गर्भ में है की इसका क्या असर पड़ेगा लेकिन इतना जरुर है की अब हिसार के पुलिस अधिकारी भी सरकारी हो गए है. इससे पहले पुलिस विभाग एयरटेल की मोबाईल सेवा का उपयोग कर रहा था तो जन स्वास्थ्य विभाग आज भी वोडाफोन का उपयोग कर रहा है. मैं यहाँ कुछ वरिष्ठ अधिकारियो के नए मोबाईल न. प्रस्तुत कर रहा हूँ.
पुलिस महा निरीक्षक- 9467700005
पुलिस अधीक्षक-9467400005
उपपुलिस अधीक्षक-9416200411
उप पुलिस अधीक्षक हांसी-9416200413
शहर थाना प्रभारी हिसार-9416200417
थाना प्रभारी सिविल लाइन-9416200418
थाना प्रभारी सदर-9416200419
शहर थाना प्रभारी हांसी-9416200420
थाना प्रभारी सादर हांसी-9416200421
थाना प्रभारी सी आई ए9416200427
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पुलिस अधिकारी-हुए सरकारी
लेबल: प्रशासन, मोबाईल, सभी, हिसार की गुफ्तगू
तड़का मार के
* महिलायें गायब
तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.
* शायद जनता बेवकूफ है
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...
* जिंदगी के कुछ अच्छे पल
चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.
* अन्ना की क्लास में झूठों का जमावाडा
आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.
* अगड़म-तिगड़म... देख तमाशा...
भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.
* शायद जनता बेवकूफ है
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...
* जिंदगी के कुछ अच्छे पल
चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.
* अन्ना की क्लास में झूठों का जमावाडा
आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.
* अगड़म-तिगड़म... देख तमाशा...
भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
आओ अब थोडा हँस लें
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1 आपकी गुफ्तगू:
उपयोगी आलेख!
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