Friday, May 16, 2025

अब सांसदों को भी मिली अपमान करने की इजाजत


कहते है की भगवान् के घर देर है अंधेर नहीं. कुछ इसी जुमले को सिद्ध किया है विश्व की सबसे बड़ी पंचायत ने. उसने अब सांसदों को भी अपमान करने की इजाजत दे दी है. आप सोच रहे होंगे की यह कौन सी नई बात है. सांसद तो समय-समय पर किसी ना किसी रूप में अपमान करते ही रहते है. कभी आचार सहिंता का तो कभी देश की गरिमा का. आजकल तो यह अपने पद को भी नहीं बकसते. लेकिन यहाँ पर जो मेरी गुफ्तगू का विषय है वो है भारत की आन-बान-शान के अपमान का. जी हां भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा. अभी दो दिन पूर्व मैंने लिखा था की कैसे देश के तिरंगे को अपमानित किया
जा रहा है और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगती. कारण वही की सांसद नवीन जिंदल के प्रयासों से अब कोई भी भारतीय अपने भवन पर तिरंगा लहरा सकता है. फिर भले ही वो उल्टा लहरा रहा हो या रात को भी. उसके लिए नवीन जिंदल को कोई फर्क नहीं पड़ता.
अब नवीन जिंदल की एक और कोशिश रंग लाई है. अब देश का कोई भी सांसद तिरंगे का लेपल पिन लगा कर संसद में जा सकता है. उनके इस कदम के लिए शनिवार सुबह के सभी समाचार पत्र उनकी वाहवाही से भरे पड़े थे. तो क्या अब यह मान लिया जाये की जिस भी सांसद ने तिरंगे की लेपल पिन लगा रखी है उनको कोई चैक किया करेगा की वो सीधी लगी है या नहीं. क्या सभापति मीरा कुमार ने ऐसी अनुमति देने से पूर्व कोई नियम भी तय किये है की अगर कोई लेपल पिन गलत तरीके से या उलटी लगी है तो संसद पर किस तरह की कार्यवाही की जाएगी. जबकि घर-घर जाकर राष्ट्रीय ध्वज लगाने का जिम्मा उठा रही राष्ट्रीय ध्वज फाउंडेशन ने आज तक कही यह जा कर पता नहीं किया की जहा उन्होंने ध्वज लगाये है क्या वो सही तरीके से लहरा रहे है. या उनके प्रति किसी की कोई शिकायत तो नहीं है. जबकि किसी पर कोई कार्यवाही होना तो बहुत दूर की बात है.

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