यह लड़ाई आखिर है किसकी : प्रेम, परिवार, सत्ता की या.....


बहुत समय हो गया या यह कहूँ की अब तो हद ही हो गई, एक ही बात सुनते-सुनते की महाराष्ट्र पर मराठियों का हक़ है. मुंबई मराठियों की है. मांगने वाले और भी बहुत कुछ मांग रहे है. बहुत दिनों से यह सोच कर चुप था की इस मसले पर कोई गुफ्तगू ना करूँ. डर सा था की कोई मुझे भी यह ना कह दे की भाई साहब ब्लोगिंग करनी है तो करो लेकिन मुंबई मामले से दूर ही रहो. जैसा की कल आर एस एस. को कह दिया गया. ऐसा भी नहीं है की कल ऐसा पहली बार किसी को बोला गया है. इससे पहले अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, मुकेश अम्बानी और भाजपा सहित बहुत से लोगो को इस मसले पर चुप रहने या दूर रहने की सलाह दी जा चुकी है. लेकिन कहते है की ऊपर वाले ने जो यह बिना हड्डी की जुबान दी है ना, वो दी ही गुफ्तगू करने के लिए
है. अब आप ही देख लो मुंबई और मराठियों के लिए कौन नहीं बोल रहा. केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार, गृह मंत्रालय, सोनिया गाँधी व् राहुल गाँधी से लेकर अनेक राजनितिक पार्टिया और नेता अपनी-अपनी बात रख चुके है. बावजूद इसके आज तक कोई समाधान नहीं निकला है. ऐसा भी नहीं है की मेरे कुछ लिखने से समाधान हो जायेगा लेकिन मेरा मकसद तो समाचार का दूसरा पहलु आपके आगे रखने का है.
अब मुझे तो यह समझ में नहीं आ रहा है की मुंबई में जो मराठियों को लेकर लड़ाई चल रही है वो एक राजनितिक दल द्वारा शुरू की गई है. अब राजनितिक दल तो सबका साँझा होता है. अगर फिर भी हम यह मान ले की यह उसका मराठी प्रेम था तो एक राजनितिक दल होने के नाते यह बात गले नहीं उतरती. लेकिन यह बात अवश्य समझ में आती है की कही विधानसभा चुनावो में चोट खाई मनसे मराठियों के सहारे महाराष्ट्र पर तो राज नहीं करना चाहती. अगर यह उसका मराठी प्रेम था तो देश प्रेम के चलते अमिताभ बच्चन, तेंदुलकर और मुकेश अम्बानी को क्यों चुप करवा दिया गया.
अब यहाँ से इस लड़ाई में उतरी शिवसेना. कभी मराठियों तो कभी उत्तर भारतीयों का पक्ष लेने वाली शिवसेना भी आज नहीं समझ पा रही है की आखिर उसको करना क्या है. वो कभी राज ठाकरे से वाद-विवाद करती नजर आ रही है तो कभी भाजपा से. एक समय ऐसा लगा था की जैसे यह लड़ाई मराठी प्रेम की नहीं अपितु पारिवारिक है. लेकिन भाजपा और आर.एस.एस. के मैदान में कूदने से अब मामला गड़बड़ दिखता है. मुद्दा राजनितिक सा लगने लगा है तो दोनों के रिश्तो में खटास भी आ गई है. इस मामले को शिवसेना ने राज ठाकरे से पारिवारिक लड़ाई मानते हुए मोर्चा संभाल लिया है.
हद तो उस समय हो गई जब एक तरफ तो राहुल गाँधी बिहार विधानसभा चुनावो के मद्देनजर बिहार की यात्रा पर जाते है और दूसरी तरफ वो राज ठाकरे को यह याद दिलाते है की मुंबई आतंकी हमले के दौरान जो कमांडो लड़े थे वो बिहार के थे. उन्होंने साफ़ किया है की अगर मुंबई को आतंकियों से सुरक्षित रखना है तो बिहारियों को मुंबई में रहने दो. तो अब कोई राहुल भैया को यह बताने वाला हो की जब कमांडो भेजे जा रहे थे तो क्या बिहार के कमांडो को छांट कर भेजा गया था या देश में जो कमांडो है वो सभी बोहर के है. तो कहीं राहुल भैया बिहार मुद्दे पर राजनीति तो नहीं कर रहे.
कुछ साफ़ नहीं हो रहा की कौन कैसी लड़ाई लड़ रहा है. लेकिन एक बात जो है वो सभी की सामान है की सभी सत्ता प्रेम की आग में अपनी-अपनी खिचड़ी जरुर पका रहे है. इस मसले का हल क्या है ना तो कोई अब तक समझ पाया है और ना ही कोई समझना चाहता है. अब आप ही बताये की आखिर मेरे देश की मायानगरी में रची यह माया किसकी देन है.

Related Articles :


Stumble
Delicious
Technorati
Twitter
Facebook

1 आपकी गुफ्तगू:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

राजनीति के खेल निराले हैं।।
सभी सत्ता पाना चाहते हैं।

कृपया शब्द पुष्टिकरण हटा दें!

Post a Comment

अंग्रेजी से हिन्दी में लिखिए

तड़का मार के

* महिलायें गायब
तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.

* शायद जनता बेवकूफ है
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...

* जिंदगी के कुछ अच्छे पल
चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.

* अन्ना की क्लास में झूठों का जमावाडा
आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.

* अगड़म-तिगड़म... देख तमाशा...
भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
a
 

gooftgu : latest news headlines, hindi news, india news, news in hindi Copyright © 2010 LKart Theme is Designed by Lasantha