
शाम के लगभग 5 बजे थे की एक मित्र का फोन आया की भाई साहब हिसार के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की रोहतक में गोली मार कर हत्या कर दी गई है। यह समाचार मुझ सहित मेरे अन्य पत्रकार साथियों को हिला कर रख देने के लिए काफी था। इसका कारण था की कुछ दिन पूर्व एक जेल वार्डन की गोली मार कर की गई हत्या। लेकिन जब अन्य आलाधिकारियों से संपर्क किया गया तो यह सिर्फ़ महज अफवाह निकली। अभी इस अफवाह से निजात मिली ही थी की शाम को 7 बजे फ़िर मेरा फोन खनका। किसी ने मुझ से पूछा की आज की कोई खास ख़बर। मैंने सहज ही कहा की कुछ खास नही। तो मुझ से पूछा गया की आज कोई घटना नही घटी क्या। मैंने कहा की एक बिजली कर्मचारी को गोली मार कर लगभग 80000 रुपए लुटे गए है। फोन करने वाले का कहना था की तुम हिसार की ख़बर ही रख सकते हो। हिसार से बाहर की ख़बर भी रखा करो। मैंने कहा श्री मान ऐसी क्या बात हो गई। तो मुझे तपाक से जवाब मिला की पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया है। ऐसा नही है की ऐसे फोन सिर्फ़ पत्रकारों को ही किए गए थे। जब भाजपा नेताओ को फोन करना शुरू किया तो वो भी ऐसे फोनों से चिंतित नजर आए।
इतना ही नही जिले की राजनीति को लेकर भी एक अफवाह शाम होते होते जोर पकड़ गई। कही से बात उठी की एक इनलो प्रत्याशी की टिकट बदल दी गई है। इस ख़बर के साथ ही यह समझते देर नही लगी की कोई शरारती तत्व ऐसी अफवाहों को जन्म दे रहा है। लेकिन इतना अवश्य है की एक तो विधानसभा चुनाव उस पर जिले में अपराधियों का आतंक और ऊपर से अफवाहों का बोलबाला। तो अब आम आदमी किस पर भरोसा करे किस पर नही यह समझना थोड़ा मुश्किल लगने लगा है।
1 आपकी गुफ्तगू:
प्रजातन्त्र के नजारे भी खूब हैं।
बधाई!
word verification hata den,
comment karne men dikkat hotee hai.
Post a Comment