कुर्सी के लिए खुले आम रिश्वत


देश: बीते वर्ष में जनता देश में फैले भ्रष्टाचार को ख़त्म करने व् विदेशों में जमा हमारा अरबों-खरबों रुपया वापिस लाने के लिए लड़ती रही. जन लोकपाल बिल के लिए तरसती रही. लेकिन किसी को कुछ नहीं मिला. भला मिलता भी कैसे. क्योंकि जिस देश में कुर्सी के लिए ही रिश्वत चलती हो वहां भला जनता की कौन सुनेगा. भारत के नेताओं को तो बस कुर्सी चाहिए फिर चाहे उसके लिए कुछ भी करना पड़े, कुछ ही कहना पड़े. बात चल रही थी कुर्सी के लिए रिश्वत की. तो जैसा की सभी जानते है की आगामी महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है. इसके लिए सभी राजनीतिक दल कमर कस चुके है.
कोई वादों की झड़ी लगा रहा है तो कोई सब्जबाग दिखा कर जनता का वोट हथियाना चाहता है. जिनको इतने भर से भी जीत की उम्मीद नहीं है वो तो जनता को खुलेआम रिश्वत देने तक पर उतर आया है. रिश्वत भी थोड़ी बहुत नहीं अपितु पूरे एक लैपटाप की. अब देखो न उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह ने जीतने के पश्चात जनता को फ्री में लैपटाप देने का वादा किया है तो पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पुत्र सुखबीर बादल ने भी जीत की ख़ुशी में जनता को फ्री लैपटाप देने की हामी भर दी है. ऐसे में गुफ्तगू होना लाजमी था की अब तो कुर्सी के लिए भी खुलेआम रिश्वत चलने लगी है.

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