भारत निर्वाचन आयोग ने आदमपुर और रतिया विधानसभा उपचुनाव में रोड रोलर चुनाव चिन्ह को हटाने का फैसला लिया है. यह वही रोड रोलर है जिसने बीते हिसार लोकसभा उपचुनाव में जिस तरीके से हजकां-भाजपा प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई के ट्रैक्टर को कुचला उससे शायद वो कभी उभर नहीं पायेंगे. इसी रोड रोलर के बेकाबू होने से ही ना सिर्फ कुलदीप बिश्नोई की जीत का अंतर नाम मात्र रह गया बल्कि यह रोलर अगर कुछ कदम और चल गया होता तो कुलदीप बिश्नोई की हार निश्चित ही थी. यह रोड रोलर इनलो प्रत्याशी अजय चौटाला को जीत तो नहीं दिलवा सका लेकिन जीत का अंतर मात्र 6335 करने में अवश्य कामयाब रहा, जो मुख्य विपक्षी उम्मीदवारों के लिए सुखद अनुभूति थी. यहीं कारण था की जीत के पश्चात कुलदीप की होली मनी तो भाजपा की दिवाली. लेकिन इतना अवश्य है की चुनाव परिणाम आने के अंत तक सभी की साँसे थमी हुई थी. चुनाव आयोग का यह फैसला आने से कुलदीप बिश्नोई खुश तो जरुर हुए होंगे.
कितने से जीत - कितने से हार
हिसार लोकसभा उपचुनाव को हुए एक माह होने को आया, चुनाव परिणाम भी आ चूका है. सभी को पता है की इस उपचुनाव में हजकां-भाजपा उम्मीदवार कुलदीप बिश्नोई ने इनलो प्रत्याशी अजय चौटाला को हराया. लेकिन आज भी बहुत से लोगों और नेताओं के लिए यह एक पहेली ही बनी हुई है की आखिर कुलदीप बिश्नोई ने कितने मतों से जीत दर्ज की. भले ही चुनाव आयोग के आकडों के हिसाब से कुलदीप बिश्नोई 6335 वोट से जीत कर ही लोकसभा में पहुंचे है. लेकिन इनलो कुलदीप बिश्नोई की इस जीत को मात्र बता कर शायद अपने दिल का दर्द छुपाने की कोशिश कर रही है.
सभी जानते है की इस चुनाव में अगर रोड रोलर चुनाव चिन्ह नहीं होता तो परस्थितियाँ आज कुछ और ही होती. इसके साथ साथ चार कुलदीप नामक प्रत्याशियों ने भी क्रमशः 2353, 2712, 1659 व् 2053 वोट लेकर 8777 वोटों से कुलदीप बिश्नोई की जीत का अंतर कम करने में आग में घी का काम किया है. जबकि निर्दलीय प्रत्याशी ओमप्रकाश कल्याण जिनका चुनाव चिन्ह रोड रोलर था ने इस चुनाव में 27802 प्राप्त किये. इनलो - कांग्रेस को यह मानना पड़ेगा की भले ही कुलदीप बिश्नोई की जीत 6335 मतों से हुई हो लेकिन इनलो उम्मीदवार अजय चौटाला की हार अवश्य ही 42914 वोटों से हुई है. इसलिए यह गुफ्तगू गलत नहीं है की रोड रोलर द्वारा प्राप्त किये गए वोटों से अजय चौटाला खुश तो बहुत हुए होगे.
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