मैं जब
किसी के ख्यालों में
डूब जाता हूँ
उतरने लगती है
कवितायें
कागज पर आपने आप.
विश्व विजेता बनने की ख़ुशी में
खिलाडियों ने रन बनाये
सरकारों ने बरसाया धन.
ऐसा लगता है
जैसे देश की सारी समस्याएं
हो गई छूमंतर.
पर ख्याल आता है
कुछ दिन पहले जीती
हॉकी प्रतियोगिता का.
कौन लौटा
कौन से घर
किसी को कुछ पता नहीं
हॉकी आज
राष्ट्रीय खेल होकर भी
शर्म से घर में झुकी पड़ी है
किसी कोने में.
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डूब जाता हूँ
उतरने लगती है
कवितायें
कागज पर आपने आप.
हॉकी शर्म से झुकी
देश डूबा हैविश्व विजेता बनने की ख़ुशी में
खिलाडियों ने रन बनाये
सरकारों ने बरसाया धन.
ऐसा लगता है
जैसे देश की सारी समस्याएं
हो गई छूमंतर.
पर ख्याल आता है
कुछ दिन पहले जीती
हॉकी प्रतियोगिता का.
कौन लौटा
कौन से घर
किसी को कुछ पता नहीं
हॉकी आज
राष्ट्रीय खेल होकर भी
शर्म से घर में झुकी पड़ी है
किसी कोने में.
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