Thursday, April 10, 2025

ऐसे अच्छा लगता है क्या प्रियंका जी



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अभी तक गुफ्तगू से कुछ पाठक नाराज थे. अक्सर उनकी शिकायत रहती थी की गुफ्तगू में हिसार के समाचार भी शामिल करो तो कुछ कहते थे की गुफ्तगू के बीच-बीच में कुछ चुटकले और मिल जाये तो गुफ्तगू का पूरा आनंद उठा पाएंगे. चलो जी 2010 में धीरे-धीरे मैंने सबकी इच्छा पूरी करते हुए गुफ्तगू में बहुत से बदलाव किये. कुछ अभी भी जारी है. लेकिन हाल ही में जो एक शिकायत किसी ने की वो थी की गोयल जी आपकी साईट पर मसाला तो है ही नहीं. आप ही देख लो की आज ऐसी कौन सी साईट है जिस पर मसाला नहीं है. फिर आप भी मायानगरी पर कुछ गुफ्तगू क्यों नहीं करते. बात कुछ समझ में आई, सुनकर अच्छा भी लगा की वाकई आज सभी समाचारपत्र और साईट मायानगरी पर कुछ ना कुछ अवश्य लिखते है तो क्या मै फ़िल्मी गुफ्तगू शुरू नहीं कर सकता. लेकिन लगता है की ऐसा करने से अब कुछ ब्लॉगर साथी भी नाराज होंगे.
तो सबसे पहले मेरे सभी ब्लॉगर साथियों से क्षमा मांगते हुए मै फ़िल्मी गुफ्तगू शुरू कर रहा हूँ. प्रयास रहेगा की मै कोई भौंडापन ना दिखाऊ लेकिन साथ ही कोशिश रहेगी की जो फ़िल्मी गुफ्तगू की जाएँ उसमे आपको उतना ही मजा आये जितना अन्य गुफ्तगू में आता है. तो शुरू करते है फ़िल्मी गुफ्तगू.
तो हाल ही में सिने तारिका प्रियंका चोपड़ा को एक शिक्षण संस्थान के प्रमोशन के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि के रूप में आमंत्रित किया गया. उन्हें रिबन काट कर संस्थान का उदघाटन करना था. तय समय के अनुसार जैसे ही प्रियंका चोपड़ा संस्थान के बाहर पहुंची तो उन्हें देख सभी हक्का-बक्का रह गए. इसके दो कारण नजर आये. एक उनका आना और दूसरा उनकी ड्रेस. उनके दोनों ही अंदाज को देख सभी दंग थे तो गुफ्तगू होना भी स्वाभाविक था. अब गुफ्तगू शुरू हुई की ऐसी क्या मुसीबत आन पड़ी की प्रियंका जी को अपनी निजी गाडी की बजाये ऑटो रिक्शा में बैठ कर आना पड़ा. अभी लोगो की आशंका ख़त्म होती की जैसे ही प्रियंका ऑटो से नीचे उतरी की उनकी मिनी शकर्ट देख बच्चो और लोगो की जैसे गर्दन नीचे हो गई. अब प्रियंका जी को कौन समझाए की एक शिक्षण संस्थान के प्रमोशन के अवसर पर ऐसे छोटे-छोटे कपडे पहन कर जाना अच्छा लगता है क्या.
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1 आपकी गुफ्तगू:

Rahul Singh said...

जिस शिक्षण संस्‍थान ने उन्‍हें आमंत्रित किया, यह उनके लिए तो अपेक्षित रहा होगा, बच्‍चों और हम आपके लिए अप्रत्‍याशित हो सकता है.

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