क्रिकेट प्रेमी सहित प्रत्येक भारतवाशी में इन दिनों एक अलग ही तरह की ख़ुशी दिखाई दे रही है. पिछले वर्ष यही ख़ुशी जहा उनके चेहरे से काफूर थी वही अबकी बार मेरे चेहरे से है.अबकी बार जब सभी खुश है तो मैं क्यों नहीं यह तो आपको आगे पता चल ही जायेगा लेकिन बात इतनी सी है की आईपीएल का जादू सबके सिर चढ़ कर बोल रहा है. क्रिकेट संघ से लेकर नेता, राजनेता, अभिनेता और क्रिकेट प्रेमी सब आईपीएल के नशे में सराबोर है.
जो भारतवाशी पिछली बार भारत में आईपीएल नहीं होने से नाखुश थे
कुछ इसी तरह मैं अबकी बार ज्यादा खुश नहीं हूँ. क्योंकि मैं भी उनकी तरह एक भारतीय हूँ. भारत की बात आई तो याद आया की भारत की संस्कृति अनमोल है. हर कोई हमारी संस्कृति का कायल है. भारतीय वेशभूषा, खानपान, पहनावे से लेकर हर प्रदेश की संस्कृति की अपनी अलग ही पहचान है. इसके साथ-साथ क्रिकेट का जो जूनून एक भारतीय के अन्दर देखने को मिलता है शायद ही विश्व में कही देखने को मिलता होगा.
लेकिन आजकल कुछ बाते मुझे रह-रह कर और अधिक परेशान कर रही है. एक और जहा आईपीएल देश में होने से सभी खुश है वही कोई यह नहीं सोच रहा की बाहर से आने वाले खिलाडी और दर्शको को कैसे उस भारत के दर्शन करवाए जाये जिसके लिए हिंदुस्तान की एक अलग पहचान है. यहाँ तो चियर्स गर्ल्स भी विदेशी बुलाने की बात चल रही है. अब भाई चियर्स गर्ल्स विदेशी होगी तो वो ठुमके भी विदेशी कपडे पहन कर मारेगी.
जिस समय दर्शक चौके-छक्के लगने पर अपनी ख़ुशी का इजहार कर रहे होंगे ठीक उसी समय यह चियर्स गर्ल्स भारत की संस्कृति को तार-तार कर रही होगी. बेशर्ते इन्हें हमारी संस्कृति के अनुरूप कपडे नहीं दिए गए तो. बहरहाल ऐसा नहीं हुआ तो भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर के उस विज्ञापन का क्या होगा जिसमे उन्होंने इस बात पर ख़ुशी जाहिर की है की अबकी बार आईपीएल भारत में हो रहे है.
वैसे तो क्रिकेट बोर्ड ने टीम संयोजको को निर्देशों की एक लम्बी सारी लिस्ट थमाई है लेकिन उस पर कितना अमल होगा वो तो आने वाला समय ही बताएगा. इतना जरुर है की अगर यह चियर्स गर्ल्स भारतीय हो तो सोने पे सुहागा वाली कहावत साबित हो सकती है. उस पर भी इन चियर्स गर्ल्स को भारतीय वेशभूषा में उतारा जाये तो भारतीय संस्कृति की बल्ले-बल्ले. कहने का भाव मात्र इतना है की जिस तरह से टीम के नाम प्रदेशो के नाम से रखे जाते है उसी तरह चियर्स गर्ल्स को भी प्रदेशो के मुताबिक पहनावे के साथ मैदान में उतारा जाये या फिर भारतीय साडी में तो......
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जो भारतवाशी पिछली बार भारत में आईपीएल नहीं होने से नाखुश थे
कुछ इसी तरह मैं अबकी बार ज्यादा खुश नहीं हूँ. क्योंकि मैं भी उनकी तरह एक भारतीय हूँ. भारत की बात आई तो याद आया की भारत की संस्कृति अनमोल है. हर कोई हमारी संस्कृति का कायल है. भारतीय वेशभूषा, खानपान, पहनावे से लेकर हर प्रदेश की संस्कृति की अपनी अलग ही पहचान है. इसके साथ-साथ क्रिकेट का जो जूनून एक भारतीय के अन्दर देखने को मिलता है शायद ही विश्व में कही देखने को मिलता होगा.
लेकिन आजकल कुछ बाते मुझे रह-रह कर और अधिक परेशान कर रही है. एक और जहा आईपीएल देश में होने से सभी खुश है वही कोई यह नहीं सोच रहा की बाहर से आने वाले खिलाडी और दर्शको को कैसे उस भारत के दर्शन करवाए जाये जिसके लिए हिंदुस्तान की एक अलग पहचान है. यहाँ तो चियर्स गर्ल्स भी विदेशी बुलाने की बात चल रही है. अब भाई चियर्स गर्ल्स विदेशी होगी तो वो ठुमके भी विदेशी कपडे पहन कर मारेगी.
जिस समय दर्शक चौके-छक्के लगने पर अपनी ख़ुशी का इजहार कर रहे होंगे ठीक उसी समय यह चियर्स गर्ल्स भारत की संस्कृति को तार-तार कर रही होगी. बेशर्ते इन्हें हमारी संस्कृति के अनुरूप कपडे नहीं दिए गए तो. बहरहाल ऐसा नहीं हुआ तो भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर के उस विज्ञापन का क्या होगा जिसमे उन्होंने इस बात पर ख़ुशी जाहिर की है की अबकी बार आईपीएल भारत में हो रहे है.
वैसे तो क्रिकेट बोर्ड ने टीम संयोजको को निर्देशों की एक लम्बी सारी लिस्ट थमाई है लेकिन उस पर कितना अमल होगा वो तो आने वाला समय ही बताएगा. इतना जरुर है की अगर यह चियर्स गर्ल्स भारतीय हो तो सोने पे सुहागा वाली कहावत साबित हो सकती है. उस पर भी इन चियर्स गर्ल्स को भारतीय वेशभूषा में उतारा जाये तो भारतीय संस्कृति की बल्ले-बल्ले. कहने का भाव मात्र इतना है की जिस तरह से टीम के नाम प्रदेशो के नाम से रखे जाते है उसी तरह चियर्स गर्ल्स को भी प्रदेशो के मुताबिक पहनावे के साथ मैदान में उतारा जाये या फिर भारतीय साडी में तो......
1 आपकी गुफ्तगू:
aapki appeal jordar hai..
BCCI tak jani chahiye :)
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