भले ही प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव सर पर खड़े है और प्रशासन और नेता प्रदेश की कानून व्यवस्था की दुहाई दे कर वोट मांग रहे हो लेकिन हिसार जिले के लिए यह कहना ग़लत नही होगा की हिसार में बेकाबू हुए बदमाशो की बादशाहत दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। यही कारण है की आज या तो एक के बाद एक खून हो रहे है या फिर बदमाश दिन दहाड़े लुट की घटना को अंजाम दे जाते है और पुलिस अधिकारी जांच के नाम पर हाथ मलते रह जाते है। अगर हम पिछले एक माह की बात करे तो शायद ही कोई दिन ऐसा नही बीता होगा जिस दिन बदमाशो ने अपने नापाक इरादों को अंजाम न दिया हो। यही कारण है की नगरवाशियो द्वारा अब प्रतिदिन यही पूछ कर दिल को तसल्ली दी जाती है की आज तो जिले में कोई अपराधिक घटना नही घटी होगी। इस पर भी मजेदार बात यह है की अभी पिछली घटना के लिए पुलिस जांच ही कर रही होती है की अपराधी फ़िर किसी बेगुनाह के खून से हिसार की धरती को लाल कर जाते है। यह बात बदमाशो की इच्छा पर निर्भर करती है की ऐसे में वो या तो किसी की हत्या कर दे या फ़िर किसी को सदा के लिए अपाहिज कर दे। यह कोई कोरी कल्पना नही अपितु हिसार की वह सच्चाई है जिसका जनता को चुनाव के दिनों में सामना करना पड़ रहा है।
15 अगस्त से शुरू हुआ बदमाशो का यह खेल ख़त्म होने का नाम नही ले रहा है। 15 अगस्त के पश्चात् आए दिन होने वाले खून-खराबे से तो ऐसा ही लगता है की अब या तो अपराधियों के दिल से कानून नाम का कोई भय नही रह गया है या फ़िर वो अपने मंसूबो को अंजाम देने के लिए कुछ भी कर सकते है। खास पहलु यह है की इन दिनों में अपराधियों ने बच्चो सहित आम नागरिक से लेकर व्यापारी, पुलिस अधिकारी और नेता तक किसी को नही बख्सा। जिसे देख ऐसा लगता है की जिले में सुरक्षा नाम की कोई चीज नही है। बावजूद इसके पुलिस व् प्रशासन की नजर में सब कुछ ठीक चल रहा है। जबकि तीन सप्ताह के अन्दर ही जिले में 5 हत्या, 4 कातिलाना हमले, चेन स्नेचिंग, आधा दर्जन चोरी की घटनाओ सहित बैंक में डकैती सहित बिजली कर्मचारी से लूट की घटना शामिल है। गौर करने वाली बात यह है की इतनी घटनाओ के पश्चात् भी पुलिस की झोली में मात्र दो या तीन घटनाओ की गुत्थी सुलझाने के अतिरिक्त कोई सफलता नाम नही है। अगर यहाँ यह कहा जाए की इन दिनों पुलिस सिर्फ़ मामले दर्ज करने में जुटी है तो ग़लत नही होगा। विशेष बात यह है की जहा वाहन चोरी और अन्य चोरी की वारदातों को ट्रेस करने का पुलिसिया काम कछुए की गति से चल रहा है वही पुलिस इन दिनों धरने-प्रदर्शन करने वालो के ख़िलाफ़ मामले दर्ज करने में जुटी है।
ऐसा नही है की जिले में बढती अपराधिक घटनाओ की और जिला पुलिस कप्तान का कोई ध्यान नही है लेकिन इन घटनाओं को रोकने का पुलिस जितना प्रयास करती है उतनी नाकामी ही हाथ लगती रही है। चुनावो के समय अपराधिक घटनाओ में हुए इजाफे को देखते हुए जिला पुलिस कप्तान नवदीप सिंह विर्क ने जिले में गश्त तेज करवा दी है। इतना ही नही पुलिस अधीक्षक सहित जिले के आला पुलिस अधिकारी स्वयम कई स्थानों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे है। कही अपराधियों की धड्पकड़ के लिए छपे मारे जा रहे है तो कही वाहनों की जाँच का अभियान तेज कर घटनाओ पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है। उधर जब इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज नैन से बात की गई तो उन्होंने कहा की जिले में एकाएक अपराध का ग्राफ बढ़ा है यह बात सही है लेकिन अपराधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस को सतर्क कर दिया गया है। पुलिस कर्मियों की पीठ थपथपाते हुए उन्होंने कहा की पुलिस कई मामलो की गुथी सुलझाने के बहुत करीब है जबकि कई मामलो की तफ्तीश जारी है, जल्द की अन्य मामलो के आरोपी शिकंजो के पीछे होंगे। उधर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा का कहना है की कांग्रेस सरकार ने कभी किसी अपराधी को संरक्षण नही दिया। हांसी नगर परिषद् की अध्यक्ष पिंकी गाबा के पति की शोक सभा में बोलते हुए उन्होंने कहा की प्रदेश में जब भी जरुरत पड़ी है सरकार ने अपराधियों के ख़िलाफ़ अहम् फैसले लिए है।
15 अगस्त : बड़वाली ढाणी में सात वर्षीय भावना की बलात्कार के बाद हत्या
22 अगस्त : पारिजात चौक पर युवक को चाकू घौपा
28 अगस्त : हांसी नगर परिषद् अध्यक्ष पिंकी गाबा के पति की गोली मार कर हत्या
30 अगस्त : लक्ष्मी बाई चौक पर युवक की हत्या
1 सितम्बर : अग्रोहा-भुना मार्ग पर लुटेरो ने दवा विक्रेता को लुटा
2 सितम्बर : उपायुक्त निवास के पास अधिवक्ता की हत्या
3 सितम्बर : तोशाम मार्ग पर महिला के गले से चेन झपटी
3 सितम्बर : सीसर में युवक की गोली मार कर हत्या
4 सितम्बर : माडल टाउन निवासी युवक को दो लोगो ने गोली मारी
4 सितम्बर : हांसी में अकाउन्टेंट को गोली मारी
5 सितम्बर : ढेहा बस्ती में युवक की हत्या
6 सितम्बर : सिवनी में व्यापारी से नगदी छिनने का प्रयास
6 सितम्बर : भोंडा-होशनाक के पास बदमाशो ने बोलेरो छिनी
7 सितम्बर : दिन-दहाड़े बहबलपुर में बैंक लुटा
7 सितम्बर : भारत नगर निवासी केशव पर फायरिंग
7 सितम्बर : जेल वार्डन की गोली मार कर हत्या
8 सितम्बर : शहर के अलग-अलग स्थानों से महिलाओ के जेवर चोरी
9 सितम्बर : पुष्पा काम्पलैक्स से लाखो की चोरी
9 सितम्बर : भारत नगर के अधेड़ व्यक्ति को गोली मारी
10 सितम्बर : बिजली कर्मचारी पूर्व सैनिक को गोली मार कर 70 हजार की नगदी छिनी
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हिसार में बेकाबू होते बदमाशो की बादशाहत जारी
लेबल: अपराधिक गुफ्तगू, प्रशासन, सभी
तड़का मार के
* महिलायें गायब
तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.
* शायद जनता बेवकूफ है
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...
* जिंदगी के कुछ अच्छे पल
चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.
* अन्ना की क्लास में झूठों का जमावाडा
आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.
* अगड़म-तिगड़म... देख तमाशा...
भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.
* शायद जनता बेवकूफ है
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...
* जिंदगी के कुछ अच्छे पल
चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.
* अन्ना की क्लास में झूठों का जमावाडा
आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.
* अगड़म-तिगड़म... देख तमाशा...
भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
आओ अब थोडा हँस लें
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1 आपकी गुफ्तगू:
बहुत चिन्ताजनक है।
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