डेढ़ गज का कपड़ा नही ये........


वैसे तो आज हिसार शहर किसी पहचान का मोहताज नही है। फ़िर चाहे हिसार में स्थापित एशिया का सबसे बड़ा कृषि विश्वविद्यालय हो या ऑटो मार्केट। समय-समय पर हिसार देश में ही नही विश्व में अपना लोहा मनवाता रहा है। बावजूद इसके आज हिसार में बने 2 जिंदल पार्क हिसार की शोभा बढ़ा रहे है। इसी वर्ष जिंदल समूह द्वारा स्व. ओमप्रकाश जिंदल की स्मृति में बनाये गए जिंदल ज्ञान केन्द्र में हिसार को देखने के लिए बना 300 फीट ऊँचा टावर जहा हिसार को वशिष्ठ पहचान दे रहा है वही बीते दिनों जिंदल पार्क में लगा 210 फीट ऊँचा राष्ट्रीय ध्वज नगरवाशियों में देश भक्ति का जज्बा भरता है।
डेढ़ गज का कपड़ा नही, देश की आन है ये,
सबने इसका माना है लोहा, जहाँ भर पर छाने का अरमान है ये....
कुछ इन्ही पंकितियो को साकार करते हुए 72 फीट लंबे व् 48 फीट चौडे राष्ट्रीय ध्वज ने मानो हिसार की पहचान में एक और सितारे के रूप में जुड़ने का काम किया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा जब इस ध्वज को फहरा रहे थे तो मौके पर उपस्थित प्रत्येक नागरिक गर्व महसूस कर रहा था। इस ध्वज का वजन 40 किलोग्राम है जबकि इसको चढाने और उतरने के लिए चार व्यक्तियों की जरुरत होती है।
इससे पूर्व में सरकारी इमारतो पर राष्ट्रीय ध्वज लहराता हुआ दिखाई देता था लेकिन वह मात्र खानापूर्ति मात्र होता था। लेकिन हिसार में स्थापित एशिया का यह सबसे ऊँचा झंडा दूर-दूर तक दिखाई देता है। इससे पहले कैथल में भी ऐसा ही एक झंडा लगाया गया था लेकिन उसकी ऊंचाई इससे बहुत कम है। यह बात अलग है की सांसद नवीन जिंदल का ग्रह क्षेत्र होते हुए उन्हें हिसार की याद कैथल के बाद आई लेकिन 210 फीट ऊँचे इस ध्वज पर लगभग 64 लाख रुपए का खर्च आया है।

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