20 रूपए में फिर से अन्ना बनने की तैयारी


कुछ दिनों से सुन रहा था की अन्ना हजारे संसद में सख्त जन लोकपाल बिल को पास करवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने हेतु 11 दिसंबर को जंतर-मंतर पर एक दिन का सांकेतिक उपवास करने की तैयारी कर रहे है. इसके खिलाफ सरकार की ओर से भी वाकयुद्ध शुरू हो गया है तो दिल्ली पुलिस भी इस उपवास को विफल करने के लिए कई तरह के पैतरे आजमाने लगी है. इस अनशन से क्या होगा व् क्या होना चाहिए जैसे पहलू
पर कुछ लिखता इससे पहले ही आज के समाचारपत्रों में एक समाचार और आया की जानी-मानी समाचार पत्रिका टाइम्स ने अन्ना के आन्दोलन को 2011 की दस बड़ी ख़बरों में शामिल किया है. सुन-पढ़ कर अच्छा लगा की भारतवाशियों के एक साहसी और अच्छे काम को पत्रिका में समाचार के रूप में शामिल किया गया है.
इस समाचार का शीर्षक दिया गया अन्ना के अनशन ने भारत को हिलाया. बिलकुल सही लिखा है. यह शायद अन्ना हजारे के अनशन का ही कमाल था की सदियों से सोई जनता की नींद खुली और अधिकारी, मंत्री-संतरी से सरकार तक की आँखे भी खुल गई. पत्रिका में यह भी सही लिखा है कि इस साल दुनिया भर में जितने भी विरोध-प्रदर्शन हुये हैं, उसमें आम जनता के असंतोष का सबसे प्रभावी प्रदर्शन भारत में अन्ना हजारे के आंदोलन में हुआ. लेकिन गुफ्तगू का विषय यह है की आखिर जिस प्रदर्शन को नई क्रांति, जन आन्दोलन, एक और स्वतंत्रता संग्राम व् भारत की आजादी जैसे नारों से गुंजायमान किया गया आज उस आन्दोलन का हश्र क्या हो रहा है. किसी ने सोचा की आज भ्रष्ठाचार कितना समाप्त हुआ और आगे कैसे कम होगा.
नहीं यह सोचने की किसी के पास फुर्सत ही कहा है. तो क्या हम यह मान लें की आज अधिकारियों ने रिश्वत लेनी बंद कर दी है, या जनता ने इस आन्दोलन के पश्चात किसी भी काम के लिए रिश्वत नहीं दी. शायद ऐसा कुछ भी नहीं है. गुफ्तगू तो यहाँ तक हो रही है की अन्ना के आन्दोलन के बाद तो रिश्वत कम होने के स्थान पर बढ़ी है. साथ ही साथ अब तो यहाँ तक कहा जाने लगा है की इस काम के इतने पैसे लगेंगे वरना अपने अन्ना को ले आओ. बावजूद इसके जहाँ अन्ना उपवास करने का मन बना चुके है वहीँ जनता भी एक बार दोबारा मैं अन्ना हूँ, अन्ना तुम आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ है व् अन्ना नहीं वो आंधी है, देश का दूसरा गांधी है जैसे नारों से अन्ना हजारे को हौंसला देंगी. जनता भ्रष्टाचार का खात्मा तो चाहती है लेकिन करने को कुछ भी नहीं.
अब यह सोचना थोडा मुश्किल सा लगता है की अगर सारी जनता जन लोकपाल बिल के लिए लड़ाई लड़ेगी तो भ्रष्टाचार समाप्त करने रूपी हवन में आहुति कौन देगा. माना यह जा रहा था की अन्ना के आन्दोलन में उमड़ा जन सैलाब भ्रष्टाचार व् भ्रष्टाचारियों के खिलाफ था ना की जन लोकपाल बिल को लागू करवाने के लिए. सख्त जनलोक बिल को संसद में पास करवाने की लड़ाई तो अन्ना भी लड़ लेंगे लेकिन अगर हम वाकई भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका साथ देना चाहते है तो आपको 11 दिसंबर को अन्ना के सांकेतिक उपवास के दौरान मात्र 20 रूपए की टोपी पहन कर अन्ना बनने की अपनी तैयारी पर लगाम लगानी होगी. हमको रिश्वत देना बंद करना होगा. अगर कोई रिश्वत मांगता है तो उसके खिलाफ आवाज उठा कर अन्ना बनना होगा.

Related Articles :


Stumble
Delicious
Technorati
Twitter
Facebook

1 आपकी गुफ्तगू:

Always Unlucky said...

Bonjour! I would just like to give a huge thumbs up for the super information you have here on this post. I will be visiting your site for more cool info in the near future.

From Computer Addict

Post a Comment

अंग्रेजी से हिन्दी में लिखिए

तड़का मार के

* महिलायें गायब
तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.

* शायद जनता बेवकूफ है
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...

* जिंदगी के कुछ अच्छे पल
चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.

* अन्ना की क्लास में झूठों का जमावाडा
आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.

* अगड़म-तिगड़म... देख तमाशा...
भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
a
 

gooftgu : latest news headlines, hindi news, india news, news in hindi Copyright © 2010 LKart Theme is Designed by Lasantha