देश की इज्जत का सवाल है













कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू होने में अब कुछ चंद दिन ही बाकी बचे है. पूरे देश सहित विश्व की निगाहें इस बात पर टिकी है की खेलो का आगाज जहां भले ही फीका रहा हो लेकिन समापन तक अब कोई परेशानी ना आये. हर भारतवाशी भी यही कामना करता है. और तो और शासन-प्रशासन ने भी अपनी गलतियों और खामियों को छुपाने के लिए देशवाशियो और मिडिया को यह दुहाई देनी शुरू कर दी है की अब बहुत हो चुका लेकिन अब ऐसा कुछ ना दिखाए और ना बोले जिससे इन खेलो पर कोई संकट आये. मजेदार बात तो यह है की सब कुछ करने के बाद अब उन्हें यह खेल देश की इज्जत का सवाल नजर आने लगे है. गुफ्तगू मानता है इस बात को की यह देश की इजात का सवाल है लेकिन क्या इसमें देश की इज्जत बढ़ रही है की जहा चहुँ ओर इन खेलो को लेकर भारत की किरकिरी हो रही है वही देश के तख्तो-ताज पर बैठे देश के सिर मोर अब तक चुप है. जी हां यहाँ पहलू पर गौर करे तो अब तक प्रधानमन्त्री ने कुछ चीजो पर आयोजको की नाममात्र की खिंचाई तो जरुर की है लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ओर महासचिव राहुल गाँधी अब तक चुप क्यों है. क्या उनका इन खेलो से कोई लेनादेना नहीं है या इतना लेनादेना है की वो चुप रहने में ही भलाई समझते है. जो भी हो लेकिन गुफ्तगू आपके समक्ष समाचार का दूसरा पहलू रखते हुए कुछ कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए तैयार हुए स्टेडियम की कुछ तस्वीरे पेश कर रही है जिनमे कारीगरों की मेहनत साफ़ झलक रही है. गुफ्तगू के हाथ लगी इन तस्वीरों को आप तक पहुँचाना गुफ्तगू अपना कर्तव्य समझता है क्योंकि यह देश की इज्जत का सवाल है.

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1 आपकी गुफ्तगू:

Shah Nawaz said...

बहुत ही बेहतरीन कोशिश की है आपने....

राजनेताओं का काम तो राजनीती करना है, लेकिन हमारा काम देश की मन और मर्यादा को बढ़ाना होना चाहिए, जो की वक़्त की ज़रूरत है.


एक नज़र यहाँ भी डालें:
राष्ट्रमंडल खेल

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