यह महज इतिफाक है या इस बात में कुछ सच्चाई भी है की मंत्रियो पर तो सिर्फ कर्जा ही होता है. यह मै तो नहीं जानता लेकिन नामांकन के दौरान अक्सर देखने में यही आता है की नेताओ के पास जमा पूंजी के नाम पर बैंको में नाम मात्र ही पैसे होते है और गाडी-घोडा तो दूर की बात है नामांकन के समय देनदारी ही दिखाई जाती है. उस पर अगर कोई मंत्री सच्चाई से बचने के लिए यह कहे की फला गाडी उसके नाम से हुई तो वो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे यह बात मजाक सी लगती है. जबकि होना यह चाहिए की मामले की गंभीरता और अपने पद की एहमियत को देखते हुए उन्हें मामले की तह तक जाना चाहिए. मामला कुछ ऐसा है की बीते दिनों गुडगाँव में एक कार पकड़ी गई थी जिसमे एक लड़की से बलात्कार किया गया था. अगर हरियाणा में विपक्ष के नेता व् इनलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला की माने तो यह कार प्रदेश के गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा की है. यह मुद्दा आज हरियाणा विधानसभा में खूब जोर-शोर से उठाया गया. इस पर कांडा का कहना था की अगर पकड़ी गई कार उनके नाम से हुई तो वो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे वरना चौटाला इस्तीफा दे दे. इस राजनितिक बहस का तो कोई नतीजा नहीं निकला लेकिन आम जनता की आवाज उठाने वाले नेताओ ने इतनी जहमत भी नहीं उठाई की मामले की तह तक जाया जाये.
अब बात पाते की
पकड़ी गई कार किसकी है और कौन उसको चला रहा था यह पता लगाना तो पुलिस का काम है. हो सकता है की कुछ समय के बाद शायद यह मुद्दा गौण भी हो जाये लेकिन इतना पता लगना जरुरी है की जिस लड़की के साथ यह घटना घटी वो कौन थी. आखिर किस ने इस घिनौने काम को अंजाम दिया. अगर यह कार मंत्री की नहीं भी है तो कार को किस बूते पर वी.वी.आई.पी. नंबर मिला. आपकी जानकारी के लिए बता दे की कार का न. 9 है.
अब इनका क्या करे
अगर आपका भी पेट्रोल पम्प है तो सावधान हो जाइये. एक कार जिसका न. आरजे 31 - 1966 है और इस पर पूर्व उप प्रधानमन्त्री ताऊ देवीलाल का पोस्टर लगा हुआ है. अगर आपके पम्प पर आती है तो पहले पैसे ले लेना फिर पेट्रोल भरना. कंही ऐसा ना हो की यह कार तेल डलवाने के बाद फुर्र हो जाये. और आप हाथ मलते रह जाये. नेताओ के लिए तो यह भी राजनीतक मुद्दा हो सकता है लेकिन इस घटना से लोग सकपकाए हुए है.
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मंत्रियो पर तो सिर्फ कर्जा होता है
लेबल: अपराधिक गुफ्तगू, इनलो, राजनितिक गुफ्तगू, सभी
तड़का मार के
* महिलायें गायब
तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.
* शायद जनता बेवकूफ है
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...
* जिंदगी के कुछ अच्छे पल
चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.
* अन्ना की क्लास में झूठों का जमावाडा
आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.
* अगड़म-तिगड़म... देख तमाशा...
भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.
* शायद जनता बेवकूफ है
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...
* जिंदगी के कुछ अच्छे पल
चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.
* अन्ना की क्लास में झूठों का जमावाडा
आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.
* अगड़म-तिगड़म... देख तमाशा...
भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
आओ अब थोडा हँस लें
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