लगता है कि अब राजनीति सिर्फ राज करने और पाने वाले नेताओ के लिए ही रह गई है. जबकि एक समय नेताओ द्वारा यह कहा जाता था कि वो राजनीति में इस लिए आये है कि जनता का कुछ भला किया जा सके. यही कारण है कि हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनावो को लेकर कुछ नेताओ का दर्द अब भी झलक रहा है. कुछ इन्ही बातो को लेकर जो दर्द हरियाणा जनहित कांग्रेस सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई के सीने में है कुछ वैसा ही दर्द इनलो सुप्रीमो औमप्रकाश चौटाला के सीने में भी
देखने को मिला. लेकिन श्री चौटाला का दर्द यहाँ कुछ इसलिए कम नजर आया कि भले ही वो हरियाणा के मुख्यमंत्री ना बन पाए हो लेकिन पिछला इतिहास ना दोहराते हुए वो विपक्ष के नेता तो बन ही गए. उनका कहना था कि ऐसा कुछ इसलिए संभव हो सका क्योंकि उनका संगठन मजबूत था फिर भी चुनाव के दिनों में पार्टी प्रत्याशियों कि खिलाफत करने वाले 10 वरिष्ठ नेताओ पर अनुशासनात्मक कार्यवाही पर उन्होंने अपनी सहमती जाहिर कि. साथ ही कहा कि अगर कुछ और नेताओ के नाम सामने आते है तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही संभव है. हरियाणा के इन नेताओ के इस दर्द का कारण यह है कि हजंका के पांच विधायक जहा पार्टी और नेता बदल कर कांग्रेस से हाथ मिला चुके है वही इनलो और कांग्रेस कि एक सामान सीटे आने के बावजूद भूपेन्द्र सिंह हुडा सरकार बनाने में चौटाला से बाजी मार गए.
रविवार को हिसार आये औमप्रकाश चौटाला ने कहा कि विधानसभा स्पीकर निष्पक्ष भूमिका नहीं निभा रहे है. अगर उन्होंने नेताओ द्वारा पूछे गए सवालों का उचित जवाब नहीं दिया तो इनलो इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकती है. इसलिए स्पीकर को चाहिए कि वो सरकार को बचाने कि कोशिश ना करे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इनलो एनडीऐ कि पार्टनर नहीं है जबकि एलनाबाद का चुनाव इनलो अपने चुनाव निशान पर लड़ेगी क्योंकि यह सीट इनलो कि थी और है. साथ ही उन्होंने जोड़ा कि समर्थन करने वालो का इनलो स्वागत करेगी. हरियाणा का राजनितिक भविष्य क्या है के जवाब में इनलो सुप्रीमो ने कहा कि जहा प्रदेश में कार्यपालिका पूर्ण रूप से भ्रष्ट हो चुकी है वही प्रदेश में सरकार नाम कि कोई चीज ना होने से प्रदेश का राजनितिक भविष्य अंधकारमय है. विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले 6 निर्दलियों और 5 हजंका विधायको के कांग्रेस में जाने पर बोलते हुए चौटाला ने कहा कि हुडा सरकार इस समय प्रदेश में लुट-फरोख्त कि राजनीति कर शासन कर रही है जिसका खामियाजा जनता को आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा. प्रदेश में राजनीति के नाम पर कुछ भी हो लेकिन हमारा काम तो गुफ्तगू करना है. अब समझना तो जनता का काम है क्योंकि हमारा तो उद्देश्य ही समाचार का दूसरा पहलु पेश करना है. इस पर तो आप ही विचार करोगे कि नेताओ का यह दर्द क्या है और यह क्यों होता है.
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देखने को मिला. लेकिन श्री चौटाला का दर्द यहाँ कुछ इसलिए कम नजर आया कि भले ही वो हरियाणा के मुख्यमंत्री ना बन पाए हो लेकिन पिछला इतिहास ना दोहराते हुए वो विपक्ष के नेता तो बन ही गए. उनका कहना था कि ऐसा कुछ इसलिए संभव हो सका क्योंकि उनका संगठन मजबूत था फिर भी चुनाव के दिनों में पार्टी प्रत्याशियों कि खिलाफत करने वाले 10 वरिष्ठ नेताओ पर अनुशासनात्मक कार्यवाही पर उन्होंने अपनी सहमती जाहिर कि. साथ ही कहा कि अगर कुछ और नेताओ के नाम सामने आते है तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही संभव है. हरियाणा के इन नेताओ के इस दर्द का कारण यह है कि हजंका के पांच विधायक जहा पार्टी और नेता बदल कर कांग्रेस से हाथ मिला चुके है वही इनलो और कांग्रेस कि एक सामान सीटे आने के बावजूद भूपेन्द्र सिंह हुडा सरकार बनाने में चौटाला से बाजी मार गए.
रविवार को हिसार आये औमप्रकाश चौटाला ने कहा कि विधानसभा स्पीकर निष्पक्ष भूमिका नहीं निभा रहे है. अगर उन्होंने नेताओ द्वारा पूछे गए सवालों का उचित जवाब नहीं दिया तो इनलो इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकती है. इसलिए स्पीकर को चाहिए कि वो सरकार को बचाने कि कोशिश ना करे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इनलो एनडीऐ कि पार्टनर नहीं है जबकि एलनाबाद का चुनाव इनलो अपने चुनाव निशान पर लड़ेगी क्योंकि यह सीट इनलो कि थी और है. साथ ही उन्होंने जोड़ा कि समर्थन करने वालो का इनलो स्वागत करेगी. हरियाणा का राजनितिक भविष्य क्या है के जवाब में इनलो सुप्रीमो ने कहा कि जहा प्रदेश में कार्यपालिका पूर्ण रूप से भ्रष्ट हो चुकी है वही प्रदेश में सरकार नाम कि कोई चीज ना होने से प्रदेश का राजनितिक भविष्य अंधकारमय है. विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले 6 निर्दलियों और 5 हजंका विधायको के कांग्रेस में जाने पर बोलते हुए चौटाला ने कहा कि हुडा सरकार इस समय प्रदेश में लुट-फरोख्त कि राजनीति कर शासन कर रही है जिसका खामियाजा जनता को आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा. प्रदेश में राजनीति के नाम पर कुछ भी हो लेकिन हमारा काम तो गुफ्तगू करना है. अब समझना तो जनता का काम है क्योंकि हमारा तो उद्देश्य ही समाचार का दूसरा पहलु पेश करना है. इस पर तो आप ही विचार करोगे कि नेताओ का यह दर्द क्या है और यह क्यों होता है.
1 आपकी गुफ्तगू:
sahi kaha aapne....vartman rajniti per karari chot hai aapka lekh....badhai
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