घर में अगर कोई शुभ कार्य हो और मंगलमुखी समाज से कोई ना आया हो तो कार्य की शोभा नही बनती । यही कारण है की आज घर में शादीहो, लड़का हो या फिर नए घर का मुहर्त ! इनके आए बिना कार्यक्रम की शोभा ही नही बनती । लेकिन आज यही समाज कभी राजनीति के लिए तो कभी आरक्षण के लिए मरहूम रहता है । मुझे भी आज इस समाज के कुछ लोगो से रूबरू होने का मौका मिला । अवसर था समाज से किसी को गद्दीनशीन करने का । इस अवसर पर बताया गया की हरियाणा और पंजाब में जहा उन्हें सम्मान की नज़र से देखा जाता है वही दिल्ली में लोग उन्हें आज भी शुभ कार्य में नही बुलाते । वही उत्तरप्रदेश में भी उनके साथ अच्छा व्यवहार नही किया जाता है । इस अवसर पर हिसार के मंगलमुखी समाज से राज हसीना को अखिल भारतीय मंगलमुखी समाज की गद्दी सौपी गई । इस से पूर्व में यह गद्दी हाजी रेशमा संभाल रही थी । आज विशेष बात यह नज़र आई की इस समाज में लड़कियों के प्रति जो लगाव था वह देखते ही बन रहाथा ।
यहाँ तो सम्मान मिला
तड़का मार के

तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...

चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.

आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.

भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
आओ अब थोडा हँस लें
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यह गलत बात है

पूरे दिन में हम बहुत कुछ देखते है, सुनते है और समझते भी है. लेकिन मौके पर अक्सर चुप रह जाते है. लेकिन दिल को एक बात कचोटती रहती है की जो कुछ मैंने देखा वो गलत हो रहा था. इसी पर आधारित मेरा यह कॉलम...
* मौका भी - दस्तूर भी लेकिन...
* व्हीकल पर नाबालिग, नाबालिग की...
लडकियां, फैशन और संस्कृति

आज लडकियां ना होने की चाहत या फिर फैशन के चलते अक्सर लडकियां आँखों की किरकिरी नजर आती है. जरुरत है बदलाव की, फैसला आपको करना है की बदलेगा कौन...
* आरक्षण जरुरी की बेटियाँ
* मेरे घर आई नन्ही परी
* आखिर अब कौन बदलेगा
* फैशन में खो गई भारतीय संस्कृति
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