मेरे एक परिचित के बेटे को ज्वर होने के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया और मैं उससे मिलने के लिए वहां गई हुई थी। वहां मैंने देखा कि मेरे परिचित के साथ वाले बैड पर एक विवाहित लडक़ी लेटी हुई थी और उसके साथ बैठी एक महिला उसके पाँव दबा रही थी। उसे देख मैंने सोचा कि जरूर इस लडक़ी के साथ ससुराल पक्ष की ओर से कोई जुल्म हुआ है। लेकिन माँ तो आखिर माँ होती है जो अपनी बेटी की इस कदर देखभाल कर रही है। उनका दर्द सांझा करने के लिए मैंने उस महिला से बातचीत करनी शुरु की। मैंने उस महिला से पूछा कि क्या हुआ है आपकी बेटी को? उन्होंने बताया कि इसे निमोनिया हुआ है और यह काफी दिनों से बीमार चल रही है जिसके कारण इसे बहुत कमजोरी महसूस हो रही है। मैंने पुन: पूछा- तो क्या इसकी ससुराल पक्ष से कोई नहीं आया है यहाँ? उन्होंने मुझे मुस्कुराते हुए कहा- मैं हूँ ना। मैंने आश्चर्यजनक शब्दों में कहा- मतलब?, तो उसने मुझे बताया कि मैं इसकी सास हूँ और अस्पताल में इसके साथ रह रही हूँ। मैंने उनसे कहा कि आपके विचार कितने अच्छे हैं, आप बहू को बेटी की तरह रखती है। यह सुन उसने अपनी बहु का सिर अपनी गोद में रखते हुए कहा मेरे दो बेटे हैं तथा इसकी दूसरी बहन मेरे दूसरे बेटे की बहू है। परंतु मैंने इन दोनों को कभी बहू के रुप में देखा ही नहीं, मैं तो इन्हें अपनी बेटियां ही समझती हूं और वैसे भी मैंने कभी अपनी बहू और बेटी में अंतर नहीं जाना। मेरी आंखे नम हो गईं और मैंने मन ही मन सोचा कि मेरा असली भारत तो यह है इसके विपरित जो हम समाज में देखते व सुनते हैं वह जरूर या तो मेरे भारत महान को किसी दुश्मन की नजर लगी है अथवा वे संस्कार हमारे में से ही कोई जरूर भारत की चारदिवारी के बाहर से लेकर आया है।
1 आपकी गुफ्तगू:
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will run on as little as 8 volts. They need only ten to thirty percent as much
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the lesser folks like 60w, 40w and 25w.
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