राम - रामलीला - हे राम


14 वर्षो का वनवास काट कर जब भगवान् राम अयोध्या पहुंचे थे तो लोगो ने घी के दिए जला कर उनका स्वागत किया था. उस समय जितनी ख़ुशी लोगो को हुई होगी उतनी ही ख़ुशी का एहसास एक बार फिर जनता कर रही है. मौका है राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद की विवादस्पद जमीन को लेकर आये न्यायालय के फैसले का. फैसला भी ऐसे समय में आया जब जनता दीवाली के अवसर पर भगवान् राम का आँखे बिछाए इंतजार करती है. यही कारण है की इन दिनों देश में राम नाम की धूम मची हुई है. इस पर दीवाली के मद्देनजर देश भर में होने वाली रामलीला से भी माहौल राममयी सा हो गया है. देश के कुछ स्थानों पर तो रामलीला को ऐसा जिवंत रूप दिया जाता है की देखने वाला एक बार तो दंग रह जाता है. तो कुछ स्थानों की रामलीला इतनी प्रभावी होती है की उसको देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते है.
प्रभावी और राम चरित्र को सजीवता से दिखाने के लिए दिल्ली की रामलीलाओ को प्रमुखता से लिया जा सकता है. जबकि हिसार की कटला रामलीला कमेटी भी इस बार 113वी. वर्षगाँठ मना रही है. हिसार की सबसे पुरानी रामलीला कमेटी होने के साथ-साथ आज भी इसके मंच पर बड़ी सादगी से भगवान् राम के चरित्र को सम्पूर्णता से प्रस्तुत किया जाता है. समय के साथ-साथ हिसार का विकास होता गया और रामलीलाओ का मंचन भी बढ़ता गया. यही कारण है की इस बार हिसार में चार स्थानों पर रामलीला का आयोजनं हो रहा है. अभी कुछ समय तक हिसार में दो ही स्थानों पर रावन को जलाया जाता था लेकिन इस बार इसको भी बढ़ा कर चार कर दिया गया है. अब यहाँ प्रतिस्पर्धा रहती है दशहरे पर जलने वाले पुतलो की लम्बाई की. तो हिसार में सबसे ऊँचा (रावन का 60 फीट) पुतला कटला रामलीला कमेटी द्वारा जलाया जाता है.
रामलीलाए कैसी-कैसी 
जिस तरह प्रतिस्पर्धा के चलते रामलीलाओ का मंचन बढ़ रहा है उसी तरह आयोजको का भरपूर प्रयास रहता है की किसी भी तरह उनकी रामलीला में दर्शको की भीड़ अन्य रामलीलाओ से ज्यादा हो. इसके साथ-साथ उनकी यह सोच भी होती है की उनके क्षेत्र का नागरिक अन्य स्थान पर रामलीला देखने ना जाए. इसी प्रयास में आयोजक रामलीला के साथ-साथ लोगो का मनोरंजन करने से भी नहीं चुकते. ऐसे में उनकी रामलीला में जहा दर्शको की भीड़ तो जुटती ही है साथ ही साथ समय-समय पर लोगो की तालियों की गडगडाहट ही आयोजको की हौसला अफजाही करती है. इसी के चलते आयोजक कई बार ऐसा कुछ कर गुजरते है की रामलीला के मंच पर रामलीला कम और नृत्य प्रतियोगिता ज्यादा लगने लगती है. इसी आपाधापी में नृत्यांगना भी इतने कम कपड़ो में नृत्य पेश करती है की दर्शक भी भौचक्के रह जाते है.
आज एक नहीं अनेको स्थानों पर रामलीला के नाम पर ऐसी भौंडी मानसिकता का परिचय दिया जा रहा है. हिसार के समीपवर्ती उपमंडल आदमपुर की एक रामलीला में होने वाले नृत्य की कुछ फोटो गुफ्तगू के हाथ लगी. जिन्हें यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है. ऐसी रामलीलाओ के बारे में सभी की राय भी अलग-अलग है. दर्शको का कहना है की आयोजक उनके आगे फूहड़ता पेश करते है जबकि आयोजक कहते है की जनता की मांग पर ऐसे नृत्य दिखाए जाते है. कोई कुछ भी कहता हो लेकिन इतना जरुर है की अगर ऐसे नृत्यों की मांग दर्शक करते है तो वो ऐसी मांग किस से करते है और अगर आयोजक भीड़ जुटाने के लिए ऐसा करते है तो फिर राम के नाम का सहारा ही क्यों. अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब यह ही कहना पड़ेगा की हे राम बस अब और नहीं.

Related Articles :


Stumble
Delicious
Technorati
Twitter
Facebook

1 आपकी गुफ्तगू:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत ही प्रेरक और शिक्षाप्रद पोस्ट!

Post a Comment

अंग्रेजी से हिन्दी में लिखिए

तड़का मार के

* महिलायें गायब
तीन दिन तक लगातार हुई रैलियों को तीन-तीन महिला नेत्रियों ने संबोधित किया. वोट की खातिर जहाँ आम जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं छोड़ा वहीँ कमी रही तो महिलाओं से जुड़े मुद्दों की.

* शायद जनता बेवकूफ है
यह विडम्बना ही है की कोई किसी को भ्रष्ट बता रह है तो कोई दूसरे को भ्रष्टाचार का जनक. कोई अपने को पाक-साफ़ बता रहे है तो कोई कांग्रेस शासन को कुशासन ...

* जिंदगी के कुछ अच्छे पल
चुनाव की आड़ में जनता शुकून से सांस ले पा रही है. वो जनता जो बीते कुछ समय में नगर हुई चोरी, हत्याएं, हत्या प्रयास, गोलीबारी और तोड़फोड़ से सहमी हुई थी.

* अन्ना की क्लास में झूठों का जमावाडा
आज कल हर तरफ एक ही शोर सुनाई दे रहा है, हर कोई यही कह रहा है की मैं अन्ना के साथ हूँ या फिर मैं ही अन्ना हूँ. गलत, झूठ बोल रहे है सभी.

* अगड़म-तिगड़म... देख तमाशा...
भारत देश तमाशबीनों का देश है. जनता अन्ना के साथ इसलिए जुड़ी, क्योंकि उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आन्दोलन एक बहुत बड़ा तमाशा नजर आया.
a
 

gooftgu : latest news headlines, hindi news, india news, news in hindi Copyright © 2010 LKart Theme is Designed by Lasantha